वीर शिवाजी

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deelip sharma

(शिवाजी जयंती-१९ फरवरी विशेष)

भारतवर्ष की गौरव-गाथा,अमर मराठा शक्ति अपार।                                                                                                                                                                                                                      भाषा-संस्कृति के रक्षक,जन-जन करता जय-जयकार॥

पिता शाहजी वीर अनोखे,दृढ़ माता जीजाबाई।

वंश-बेल में नव पुष्प खिला,हर्ष हवा लहराई॥

शिवा-जन्म का गौरव स्थल,दिव्य दुर्ग शिवनेरी।

गुरु रामदास की कृपा से,पाई ख्याति घनेरी॥

यत्र-तत्र बिखरा पड़ा,घायल हिन्दुत्व का मान।

संयोजित शोभित करूं,मन में लिया यह ठान॥

वीर-चरण बढ़ते रहे,लिए किले बहु जीत।

सबको संग लेकर चले,मन से जीती प्रीत॥

छापामारी रण-कौशल से,थे मुगल हुए बेहाल।

राजकोष बढ़ता रहा नित,जनता थी खुशहाल॥

शौर्य,पराक्रम,दुष्ट दलन,हुंकार भरी रण मांहि।

देशप्रेम मन में बसा,मात-पिता को शीश नवाहिं॥

देश हमारा उन्नत सुन्दर,’वीर शिवाजी’ शोभाशाली।

नवांकुर युवा जब जागें,गुरू भारत हो गौरवशाली॥

#दिलीप कुमार शर्मा

परिचय : दिलीप कुमार शर्मा का उपनाम ‘विद्यानंदन’ हैl जन्म तिथि-१५अगस्त १९७५और जन्मस्थान उदयपुर वाटी(जिला-झुंझुनू,राजस्थान)हैl आप वर्तमान में केन्द्रीय विद्यालय(जिला-पटियाला)पंजाब में रहते हैंl एम.ए.(हिन्दी),एम.एड. सहित `स्लेट` एवं `नेट`तक शिक्षित श्री शर्मा का कार्यक्षेत्र-शिक्षा,सेवा एवं लेखन हैl आपकी लेखन विधा-कविता,कहानी व आलेखहैl विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन होता रहता है। सम्मान में आपके खाते में प्रतिभा सम्मान,राज्य स्तरीय लेखन पुरस्कार आदि हैं। आपके लेखन का उद्देश्य- संवेदनात्मक व मूल्यपरक जीवन का विकास और हिंदी को सम्मान देना है।

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One thought on “वीर शिवाजी

  1. अति सुन्दर शब्दों से गुरुवर कविता है रच डाली।
    जैसे सुन्दर फूलों से माला रच देता है कोई माली।।

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