पुलिस का समर्पण

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ramnivas
कंपकपाती ठण्ड में भी,
चेक पोस्ट पर खड़े हुए।
बदन जलाती गर्मी में भी,
जो होते कर्त्तव्य पर अड़े हुए॥
ठनका ठनक रहा होता,
या बिजली चमक रही होती।
या अपराधी के खेमे से,
गोली की बौछारें होतीं॥
चाहे हो कैसी भी विपदा,
पर वे न कभी घबराते हैं।
देखो ! कैसे पुलिस जवान,
अपना कर्तव्य निभाते हैं॥
स्वजन से रह काफी दूर,
अपने कार्य में रमे हुए।
दिल में समाज का प्यार हैं पाले,
वे ड्यूटी पर अड़े हुए॥
हर आफत से लड़कर वे,
जनता की सेवा करते हैं।
देखो ! कैसे पुलिस जवान,
अपना कर्तव्य निभाते हैं॥
पुलिस जवान हैं सच्चे सेवक,
सिर पर संकट लेकर बैठे।
ले पाते नींद नहीं समय पर,
ताकि हम सब चैन से लेटें॥
सकल समाज की रक्षा हेतु,
वे हर संकट को पाते हैं।
देखो ! कैसे पुलिस जवान,
अपना कर्तव्य निभाते हैं॥
मेरी-तेरी खातिर ही,
वे जीते औ मरते हैं।
ठंडक गर्मी से बेखबर वे,
अपना नाम कमाते हैं॥
देख समर्पण पुलिस जवान का,
मन हर्षित हो जाता है।
इनके नमन में कोटि-कोटि,
सिर श्रध्दा से झुक जाता है॥
#रामनिवास कुमार
परिचय : रामनिवास कुमार बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर से हैं। आपकी जन्मतिथि १२ जून १९७१ और जन्म स्थान-नालंदा है। स्नातकोत्तर(अंग्रेजी,पत्रकारिता और पुस्तकालय विज्ञान)तक शिक्षित श्री कुमार का कार्यक्षेत्र-मुजफ्फरपुर स्थित दूरदर्शन केन्द्र है। आप सहित्य में गहरी अभिरुचि (पुस्तक व कविता लेखन) रखते हैं। समीक्षा प्रकाशन (अंग्रेजी में तीन पुस्तकें प्रकाशित) के साथ ही ३ अन्य प्रकाशन हेतु पीएमओ में भेजी गई हैं। ऐसे ही हिन्दी में तीन पुस्तकें प्रकाशन होना बाकी है। आपको सरकार तथा साहित्य जगत से कई पुरस्कार मिले हैं। आपके लेखन का उद्देश्य-भारत के छात्र-युवाओं को लाभान्वित करना है। विभिन्न माध्यमों में आपकी कई कविताएँ प्रकाशित हुई हैं।

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