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मधु यामिनी
दो दिलों का संगीत,
प्रीत के मीत
मन मयूरा नाचे,
गाए सौभाग्य गीत।
रात चहके
तो दिन निखरेगा,
चन्दा चमके
सूर्य भी दहकेगा,
रात दिन महके।
निशा के हाथ
में जुगनू है ऐसे,
कल्पना करें
चाँदनी के रथ में,
चाँद सोया हो जैसे।
मन उदास
पिया गए विदेश,
प्रेम की आस
तन्हाई में सजनी,
क्या करेगी रजनी।
#कैलाशचंद्र सिंघल
परिचय: कैलाशचंद्र सिंघल का नाता मध्यप्रदेश से हैl आपकी जन्म तारीख- २० दिसम्बर १९५६ और जन्मस्थान-धामनोद(धार) हैl हायर सेकन्डरी तक शिक्षित श्री सिंघल का व्यवसाय(कॉटन ब्रोकर्स)हैl आप धामनोद में समाज की संस्थाओं से जुड़े हुए हैंl लेखन में आपकी विधा-हाइकु,तांका, गीत और पिरामिड हैl भोपाल से प्रकाशित समाचार-पत्र में कुछ रचनाएं प्रकाशित हुई हैं। पिछले 30 वर्ष से लेखन में मगन श्री सिंघल की खासियत यह है कि,कवि सम्मेलनों का सफल आयोजन करते हैं। आपके लेखन का उद्देश्य-स्वान्तः सुखाय और दिवंगत कवियों की रचनाओं को मंचों पर सस्वर उनके नाम से प्रस्तुत करना है,जिसका पारिश्रमिक नहीं लेते हैं।
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Wed Nov 1 , 2017
आज ख़ुशी मिली है इतनी करुँ इजहार कैसे मैं। लरजता तन हर्षित मन, करुँ गुणगान कैसे में॥ दीप जलाऊं द्वार पर मेरे, करुँ इंतजार कैसे मैं। होंठों पर हंसी,आँखों में नमी, करुँ इजहार कैसे मैं॥ सुहानी शाम आई है, ले के श्याम को मेरे। आरती सजाऊँ मंगल गाऊँ, करुँ वन्दना […]