उनका अजीब रिश्ता

1
0 0
Read Time1 Minute, 36 Second
priyanka jain
कि एक अजीब रिश्ता है वो,
जो कभी जुड़ता नहीं,न मिटता है।
यूं तो वो दोनों एक ही है,
पर कोई सच तो उनकी आंखों में छिपता है।
हां माना कि,हुस्न की शहजादी नहीं है वो,
पर उसके चेहरे से महबूब के लिए बेतहाशा नूर झलकता हैै।
हां माना कि,दिल का थोड़ा पत्थर है वो,
पर उसके कतरे भर आंसू पर वो मोम की तरह पिघलता है।
बड़ा ही अजीब रिश्ता है वो,
एक-दूसरे के लिए दर्द जुबां पर आए बिना सिमटता है।
हां माना,जिस्म पर थोड़ी पाबंदियां हैं उनके,
पर सच मानो दोनों की रूह एक ही हो,
वो खिलती है उसकी हंसी में
और वो..उसके सीने में धड़कता है।
हां माना,वो एक दूसरे से दूर रहते हैं,
पर वो खुश है,क्योंकि उनके साथ-साथ रहने का वादा उनके सपनों में पलता है।
बड़ा ही अजीब रिश्ता है वो,
अब तो उनके प्यार का अंश किताबों में भी मिलता है॥
                                                                #प्रियंका जैन
परिचय : प्रियंका जैन का निवास मंदसौर जिला के शामगढ़ में है। २० साल की प्रियंका बीएससी की छात्रा है और कविताएँ रचती हैं। इसी लेखनी से ५ बार विद्यालय स्तर पर सम्मान पा चुकी है तो ३ बार जिला स्तर पर स्वरचित कविता में प्रथम विजेता रही है।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

One thought on “उनका अजीब रिश्ता

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

नव उमंग

Sat Nov 18 , 2017
नई  सुबह आ रही विश्वास दीप जलेंगें। नव उमंग जाग रही,नए गीत रचेंगे॥ खेत की माटी बोल रही, ओ कर्मवीर उठ जाओ। प्राणों में हुंकार भरो, श्रम की फसल उगाओ। समुद्र में लहरें उठ रहीं कर्म दीप जलेंगे। नव उमंग जाग रही,नए गीत रचेंगे॥ जीत उसे हासिल होती, जो आशा-बल […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।