Read Time1 Minute, 23 Second
प्रेम तो मन के भावों की
पावन अभिव्यक्ति होती है,
वात्सल्य माँ की शिशु भाव-सी
अदभुत शक्ति होती है।
माँ गंगाजल जैसी निर्मल
मन्दिर-मस्जिद-गुरुद्वारा है,
चातक-सी है अमर समर्पण
पतंगे-सी प्रेम परस्ती है।
छल छिद्र नहीं हो छद्म कोई
न बस चाहत की अभिलाषा,
कहना है ‘शिवम्’ तुमसे ये मेरा
हो त्याग भाव की परिभाषा॥
#शिवानंद चौबे
परिचय: शिवानंद चौबे की जन्मतिथि-१२ अगस्त १९९० है। आपका वर्तमान निवास राज्य उत्तर प्रदेश में ग्राम महथुआ (जिला-भदोही)है। समाजशास्त्र में एम.ए. के बाद अभी एमबीए(त्रिपुरा) जारी है। कार्यक्षेत्र-शिक्षण ही है। उपलब्धि यह है कि,नेहरू युवा केन्द्र में राज्य प्रशिक्षक( भारत सरकार) हैं। राष्ट्रीय भाषण प्रतियोगिता में जिला स्तरीय विजेता रहे हैं। आपके लेखन का उद्देश्य-सबके
बीच सदाचार और प्रेम बनाए रखना तथा समाज हित की बात सामने लाना है।
Post Views:
460
Fri Oct 6 , 2017
भावना से रंग लेकर कल्पना के पृष्ठ पर जो, कर दिया मन ने निरुपित चित्र,तुमसे मिल रहा है। कालिमा है रात की ये रेशमी कुन्तल तुम्हारे, इस तरह बिखरे हवा से मेघ भी शरमा गए हैं… दो अधर भीगे सुधा से रंग जिनका है गुलाबी, है हँसी ऐसी जिसे सुन […]