साजन

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ranjana
कभी मत सोचना साजन हिया से दूर जाने कीll
 
पिया से दूर रहकर क्यों 
जिया   बेचैन   होता  है,
मनोरथ व्यर्थ हो जाता
किसी का चैन  खोता है।
 
हृदय में चाह रहती है सदा प्रिय को लुभाने कीll
 
चली ठंडी हवा देखो 
लिए मधुगन्ध फूलों की,
दिलाती याद है जैसे
सुहानी रात झूलों की।
 
तुम्हें परवाह रहती थी हमारे पास आने कीll 
 
निशा बीती हुईं हैं स्वप्न
वे सब चाँदनी रातें,
मगर लिखी हैं मन कागज 
पे अब तक वो सभी बातें।
 
गए तुम रूठ जग से,हो जुगत कैसे मनाने कीll 

                                                  #डॉ. रंजना वर्मा

परिचय : डॉ. रंजना वर्मा का जन्म १५  जनवरी १९५२ का है और आप फैज़ाबाद(उ.प्र.) के मुगलपुरा(हैदरगंज वार्ड) की मूल निवासी हैंl आप वर्तमान में  पूना के हिन्जेवाड़ी स्थित मरुंजी विलेज( महाराष्ट्र)में आसीन हैंl आप लेखन में नवगीत अधिक रचती हैंl 

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