औक़ात बताने वाले हैं

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कुछ लोग ज़माने में यारों नफ़रत
फैलाने वाले हैं।
नींव हिले न हिले इनसे, दीवार
हिलाने वाले हैं॥
कोई राम को गाली दे कोई रहीम
को कोस रहा।
फिर कैसे माना जाए कि अच्छे
दिन आने वाले हैं॥
इन गद्दारों की बातों में सब कल
की बातें भूल गए।
हम ईद-दिवाली को मिलकर के
साथ मनाने वाले हैं॥
घर में ही भाई को भाई के लहू का
प्यासा बना दिया।
इस पर भी कहते हैं कि हम देश
चलाने वाले हैं॥
बहुत हो चुकी गुंडागिर्दी, मज़हब
की बातें भी खूब।
बन्द करो वरना हम भी औक़ात
बताने वाले हैं॥
किसे तोड़ने, किसे बनाने की बातें
करते हो तुम।
ईश्वर-अल्लाह दोनों को हम शीश
झुकाने वाले हैं॥
एक मीन ने ‘करुण’ समंदर को ही
गन्दा कर डाला।
हम साथ जिए हैं,साथ मरेंगे प्रीति
निभाने वाले हैं॥
                                                               #जयपाल सिंह ‘करुण’

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