औक़ात बताने वाले हैं

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कुछ लोग ज़माने में यारों नफ़रत
फैलाने वाले हैं।
नींव हिले न हिले इनसे, दीवार
हिलाने वाले हैं॥
कोई राम को गाली दे कोई रहीम
को कोस रहा।
फिर कैसे माना जाए कि अच्छे
दिन आने वाले हैं॥
इन गद्दारों की बातों में सब कल
की बातें भूल गए।
हम ईद-दिवाली को मिलकर के
साथ मनाने वाले हैं॥
घर में ही भाई को भाई के लहू का
प्यासा बना दिया।
इस पर भी कहते हैं कि हम देश
चलाने वाले हैं॥
बहुत हो चुकी गुंडागिर्दी, मज़हब
की बातें भी खूब।
बन्द करो वरना हम भी औक़ात
बताने वाले हैं॥
किसे तोड़ने, किसे बनाने की बातें
करते हो तुम।
ईश्वर-अल्लाह दोनों को हम शीश
झुकाने वाले हैं॥
एक मीन ने ‘करुण’ समंदर को ही
गन्दा कर डाला।
हम साथ जिए हैं,साथ मरेंगे प्रीति
निभाने वाले हैं॥
                                                               #जयपाल सिंह ‘करुण’

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।