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चमकते हैं सितारे देख हर रोज।
नहीं आती बहारें,देख हर रोज॥
बेईमानी बेईमानी…..मिले मात्र।
इमां नर ना सुधारे,देख हर रोज॥
बूढ़ी माँ को अकेला छोड़ जाओ न।
जिए किसके सहारे,देख हर रोज॥
नसीहतें दे नहीं अब आदमी सोच।
दिलों में ना उतारें,देख हर रोज॥
कहीं सूखा कहीं अतिवृष्टि,की है फ़ौज।
लगे भूमिपुत्र बिचारे,देख हर रोज॥
अच्छा करने की सोची,तो बेईमान।
कहा ‘केवल’ न हारे,देख हर रोज॥
#आनंद पाण्डेय ‘केवल’
परिचय : आनंद पाण्डेय ‘केवल’ की उम्र 45 वर्ष है और आप सेवनिवृत्त शिक्षक (मुंबई) हैं। मुंबई में निवास है,पर पैतृक निवास उत्तरप्रदेश के आजमगढ़ में है। आप कार्यक्षेत्र के रुप में मुंबई में कम्पनी में कार्यकारी संचालक के तौर पर सक्रिय हैं। लेखन में रुचि है और पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित होती हैं। मात्र एक वर्ष का लेखन अनुभव है और भावों की तुकबंदी पर अधिक लिखते हैं। तबला वादन में स्नातक होने के साथ ही कुछ अन्य उपलब्धियां भी पाई हैं। कवि मित्रों की रचनाएँ पढ़ने का चिंतन तथा मनन करना आपको अच्छा लगता है।
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