विश्व पुस्तक मेले में हुई ‘वारांगना’ की मुँह दिखाई

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नई दिल्ली। ’वैश्या जैसा विषय लेखक प्रायः कम छूता है अपने लेखन में, किन्तु डॉ. अर्पण ने उस वारांगना की व्यथा को लिखने का प्रयास किया जो सराहनीय है।’ यह बात मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार सुभाष चंदर ने कही।

शनिवार को प्रगति मैदान में विश्व पुस्तक मेला शुरू हुआ, इसमें हॉल 2 में एम 26 स्टॉल पर मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ की पुस्तक वारांगना-व्यथांजलि के द्वितीय संस्करण की मुँह दिखाई यानी लोकार्पण संपन्न हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार सुभाष चंदर, विशेष अतिथि ख्यात ग़ज़लकार कमला सिंह ज़ीनत मौजूद रहे।
अतिथि स्वागत भावना शर्मा ने किया व आभार शिखा जैन ने व्यक्त किया।

कमला सिंह ज़ीनत ने कहा कि ‘दिन के उजाले में कुछ सफ़ेदपोश घूमते हैं, वही रातों में वैश्यालय जाते हैं पर बदनाम वेश्याओं को किया जाता है। उनके दर्द को लिखने के लिए डॉ. अर्पण को साधुवाद।’

कार्य्रकम में वरिष्ठ साहित्यकार अनिल मीत, नरेश शांडिल्य आदि मौजूद रहे।

ज्ञात हो कि डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ की अब तक दस से अधिक क़िताबें आ चुकी हैं और वर्ष 2020 के लिए मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी द्वारा डॉ. अर्पण जैन को अखिल भारतीय नारदमुनि पुरस्कार से भी पुरस्कृत किया गया है।

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Mon Feb 19 , 2024
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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।