
म – मतदान करो, मतदान करो
अधिकार पर अभिमान करो
जननी का आँचल ख़ुशियों से भरो
पात्र उम्मीदवार का चुनाव करो।।
त – तप है ये सही चयन का
तप है ये सत्यनिष्ठा का
तप है ये स्वर्णिम भविष्य का
तप है ये स्वदेश हित का।।
दा – दान है ये धर्म से बढ़कर
अरमान है ये कर्म से बढ़कर
सद्कर्म है ये मर्म से बढ़कर
मतदान है ये सबसे बढ़कर।।
न – नहीं लोभ हो, नहीं दबाव हो
न हो प्रलोभन और न धन
बस देश हित का ज्ञान हो
व माँ भारती का मान हो।।
जा – जागो मतदाता जागो
ज़िद के पीछे मत भागो
सब काम छोड़ भागो
और बस मतदान करो।।
ग – गए अगर तुम चूक
रहे अगर तुम मूक
अर्ध दशक पछताओगे
बोलो फिर क्या पाओगे।।
रु – रुको नहीं, झुको नहीं
डरो नहीं चुको नहीं
निर्भय हो, स्वाधीन हो
मतदान करो, मतदान करो।।
क – कर्त्तव्य है राष्ट्र निर्माण का
धर्म है देश के कल्याण का
समय है प्रण प्राण का
भ्रष्टाचार के निदान का।।
ता – ताक़त हो संविधान की
ताक़त हो लोकतंत्र की
ताक़त हो हिन्द अरमान की
ताक़त हो स्वातंत्र्य की।।
मतदान करो ! मतदान करो ! मतदान करो !
#मणिमाला शर्मा
इंदौर