कविता- नाना का रेडियो

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याद आता है वो नीम का पेड़
ठंडी हवा के झोंके
निंबोलियों की पट-पट
ठंडे पानी से भीगा गमछा
कभी सिर, कभी पैरों को ठंडक देता
गर्मी के तेवर ठंडे करता
नाना का रेडियो
कान के पास बजता
विविध भारती का संगीत
फ़रमाइशों की झमाझम
कालिदास के मेघदूत सम
प्रियतमा के नाम संदेश
पहुँच जाते प्रीत पगे से
पगलाई सी सुनती
मेघों को ढाढी जान
मरूस्थल की बाढ़ में मारू
ढोला को टेरती-ढूंढती
टीलों-टीलों कृष्ण-मृग सम
दौड़ लगाती अतृप्त-आतप
कस्तूरी-प्रेम की मादक-ज्वाला
भभक रही बालू सी दाहक
धूप की वर्षा टीलों पर लपटों सी
सुनसान समन्दर विराना
ढ़ोला का जाप करती मारू
डूबती-उतराती मन की नाव पर
उडने लगती जादुई चटाई पर
मिलने को आतुर
स्वप्न-संगी से
स्वप्न टूटा,
दोपहर का चढ़ाव
नीम की पत्तियों में सरसराहट
हवा के मीठे अहसास
रेडियो सुनाने लगा
ले तो आये हो हमें सपनों के गाँव में….
प्यार की छाँव में बिठाये रखना…..।।

डॉ. रेखा शेखावत

सहायक प्रोफ़ेसर- हिंदी
राजकीय स्नातकोत्तर, महाविद्यालय, सतनाली, महेंद्रगढ़, हरियाणा।

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।