क्या पाया-क्या खोया: सब कुछ हिन्दी के नाम 2022

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✍🏻 डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

हर साल की तरह कैलेण्डर ने साल बदलने की दस्तक दे दी, चाहे अंग्रेज़ी तारीख़ बदले चाहे संवत्सर पर आँकलन कुछ यह भी करना अनिवार्य होता है कि हम कहाँ कमज़ोर रह गए, कहाँ हमने ठीक काम किया क्योंकि हिसाब किसी अन्य को न सही पर ख़ुद को देना अनिवार्य होता है। संस्थागत हिसाब एक परम्परा का निर्वहन मात्र नहीं है बल्कि आगामी वर्षों के लक्ष्य और तैयारियों का आँकलन भी है। बीते वर्ष 2021 में 365 में से लगभग 100 दिनों की सक्रियता और आयोजनों का हासिल यह है कि वर्ष 2022 में मातृभाषा उन्नयन संस्थान ने अपने 17 राज्यों की इकाईयों को सक्रिय करके मज़बूती प्रदान की और उनसे अपने राज्यों में हिन्दी भाषा की मज़बूती, संगठनस्तर पर सक्षमता, अभियानों के माध्यम से जनसंपर्क, बैठकें, प्रवास कार्यक्रमों की बहुलता, कार्यालय स्थापना और हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए जारी आन्दोलन को बल प्रदान करने का कार्य किया। निश्चित तौर पर सांख्यिकी की दृष्टि से हिन्दीयोद्धाओं ने कुल 21 लाख 62 हज़ार से अधिक लोगों के हस्ताक्षर अन्य भाषाओं से हिन्दी में परिवर्तित करवाए, यह वंदनीय कार्य है, जिसमें संस्थान से जुड़े प्रत्येक हिन्दीयोद्धा का श्रम प्रणम्य है। संस्थान की विभिन्न इकाईयों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों की शृंखला वर्ष 2022 की गतिविधियों का ब्यौरा निम्नानुसार है-

जनवरी 2022

◆ 8 जनवरी- ‘बाल भगवान’ नाटक मंचन, इन्दौर
◆ 12 जनवरी- नाटक मंचन, इन्दौर
◆ 19 जनवरी- ‘काव्यार्पण’ कवितागोई आयोजित, इन्दौर
◆ 24 जनवरी- राष्ट्रकवि सत्यनारायण सत्तन जी का अभिनंदन, इन्दौर

फ़रवरी 2022

◆ 20 फ़रवरी- भोजपुरी उपन्यास ‘महेन्द्र मिसिर’ का विमोचन, इन्दौर

◆ 27 फ़रवरी- ‘हिन्दी गौरव अलंकरण समारोह 2022’, इन्दौर

मार्च 2022

◆ 4 मार्च- कवि नरेन्द्र सिंह तोमर की जन्म शताब्दी पर उन्हें भाषा सारथी सम्मान से सम्मानित किया, पीड़वाय (इन्दौर)

◆ 15 मार्च- पुरस्कार वितरण, राजस्थान इकाई द्वारा, ऋषभदेव

◆ 20 मार्च- ‘पाण्डेय जी छज्जे पर’ पुस्तक विमोचन एवं चर्चा, इन्दौर

◆ 23 मार्च- मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्री मंगुभाई द्वारा ‘प्रथम सृजक’ पुस्तक विमोचन, इन्दौर

◆ 27 मार्च- राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह, दतिया (मध्य प्रदेश)

अप्रैल 2022

◆ 2 अप्रैल- निशान काव्य महोत्सव, निशान, छिन्दवाड़ा(मध्य प्रदेश)

◆ 14 अप्रैल- यशोधरा भटनागर जी की पुस्तक पर चर्चा, इन्दौर

◆ 14-15-16 अप्रैल- ‘आईना’ थिएटर फ़ेस्टिवल, इन्दौर

◆ 23 अप्रैल- पुस्तक सेवी सम्मान, इन्दौर

◆ 28 अप्रैल- प्रेम मंगल जी की पुस्तकों का विमोचन

◆ 28 अप्रैल- संस्मय सम्मान

मई 2022

◆ 1 मई- डॉ. नीहार गीते जी की पुस्तक का विमोचन एवं चर्चा, इन्दौर

◆ 6 मई- ‘फ़्रांस में भारत’ डॉ. विकास दवे के साथ आयोजित, इन्दौर

◆ 7 मई- रमेश चन्द्र शर्मा जी की पुस्तक का विमोचन एवं चर्चा, इन्दौर

◆ 8 मई- ‘नवरस’ काव्य उत्सव आयोजित, इन्दौर

◆ 8 मई- प्रकाश पटेरिया जी को स्वर्णाक्षर सम्मान

◆15 मई- स्त्री शक्ति सम्मान समारोह, दिल्ली

◆ 16 मई- दिल्ली प्रदेश कार्यालय का उद्घाटन, दिल्ली

◆17 मई- परिचर्चा आयोजित, कराला, हरियाणा

◆ 18 मई- आईआईएमसी निदेशक का अभिनंदन, दिल्ली

◆ 19 मई- ‘पत्रकारिता और अपेक्षाएँ’ पुस्तक पर पत्रकारों से चर्चा, दिल्ली

◆ 20 मई- शैलेश जैन “शालीन” की पुस्तक का विमोचन एवं काव्य गोष्ठी, आगरा (उत्तर प्रदेश)

◆ 28 मई- इन्दौर गौरव उत्सव में सहभाग, इन्दौर

◆ 29 मई- भाषा सारथी सम्मान एवं चाय पर चर्चा गिरीश पंकज जी, इन्दौर

जून 2022

◆ 12 जून- गिरीश चावला जी की पुस्तक का विमोचन एवं काव्य गोष्ठी, दिल्ली

◆ 17 जून- अभिनेत्री पूनम झंवर का सम्मान, इन्दौर

जुलाई 2022

◆ 1 जुलाई- ‘काव्य कुँअर’ आयोजित, इन्दौर

◆5 जुलाई- उपन्यासकार डॉ. शरद पगारे जी का जन्मदिवस, इन्दौर

◆ 8 जुलाई- डॉ. संजय द्विवेदी जी के साथ ‘चाय पर चर्चा’ आयोजित, इन्दौर

◆ 21 जुलाई- इन्दौर के नवनिर्वाचित महापौर का अभिनन्दन, इन्दौर

◆ 31 जुलाई – प्रेमचंद जयंती स्मृति प्रसंग निमित्त श्रुति पंवार जी की पुस्तक का विमोचन एवं चर्चा, इन्दौर

अगस्त 2022

◆ 4-5-6 अगस्त- मानसून थिएटर फ़ेस्टिवल, इन्दौर

◆ 14 अगस्त- ‘देसराग’ अखिल भारतीय कवि सम्मेलन आयोजित, इन्दौर

◆ 14 अगस्त- दिनेश दिग्गज जी को स्वर्णाक्षर सम्मान से सम्मानित, इन्दौर

◆ 20 अगस्त- डॉ. प्रेरणा ठाकरे जी की पुस्तक का विमोचन एवं काव्य उत्सव, इन्दौर

◆ 20 अगस्त- दुबई के साहित्यकार डॉ. नितिन उपाध्ये भाषा सारथी सम्मान से सम्मानित, इन्दौर

सितम्बर 2022

◆ 1 सितम्बर- हिन्दी पूजन, इन्दौर

◆ 1 सितम्बर- हिन्दी पूजन, दिल्ली

◆ 11 सितम्बर- लघुकथा मन्थन, इन्दौर

◆ 11 सितम्बर- हिन्दी सेवी संस्थाओं का सम्मान, इन्दौर

◆ 14 सितम्बर- हिन्दी दिवस समारोह, इन्दौर

◆ 16 सितम्बर- प्रान्तीय अधिवेशन छत्तीसगढ़, बिलासपुर

◆ 18 सितम्बर- विद्यारत्न एवं बाल काव्य रत्न सम्मान समारोह, दिल्ली

◆ 29 सितम्बर- भेंट- प्रजापति ब्रह्माकुमारीज़, इन्दौर

अक्टूम्बर 2022

◆ 6 अक्टूम्बर- भेंट विधायक हनी बघेल, कुक्षी

◆ 15 अक्टूम्बर- राधेश्याम माहेश्वरी जी को भाषा सारथी सम्मान, इन्दौर

◆ 18 अक्टूम्बर- कवि सम्मेलन शताब्दी वर्ष का प्रतीक चिह्न स्वामी रामदेव जी द्वारा विमोचन, हरिद्वार, उत्तराखंड

◆ 27 अक्टूबर- काव्य उत्सव, कुक्षी

नवम्बर 2022

◆ 1 नवम्बर- नीलम तोलानी जी की पुस्तक विमोचन एवं चर्चा, इन्दौर

◆ 5 नवम्बर- संस्थान के उत्तर प्रदेश कार्यालय का उद्घाटन, अयोध्या (उत्तर प्रदेश)

◆ 5 नवम्बर- विकास यादव को भाषा सारथी सम्मान से सम्मानित, रुदौली (उत्तर प्रदेश)

◆ 7 नवम्बर- भाषा सारथी सम्मान- डॉ. मिथिलेश दीक्षित जी व डॉ. सत्या सिंह जी, लखनऊ (उत्तर प्रदेश)

◆ 13 नवम्बर- लघुकथा मन्थन, दिल्ली

◆ 30 नवम्बर- ‘चाय पर चर्चा’, छिन्दवाड़ा, मध्य प्रदेश

दिसम्बर 2022

◆ 10 दिसम्बर- लघुकथा संग्रह खिड़की का विमोचन एवं चर्चा, इन्दौर

◆ 11 दिसम्बर- डॉ. आरती दुबे जी के कविता संग्रह का विमोचन एवं चर्चा, इन्दौर

◆ 16-17-18 दिसम्बर- लिट्चौक में बतौर कम्युनिटी पार्टनर सहभाग के साथ संस्मय प्रकाशन का स्टॉल, इन्दौर

◆ 28 दिसम्बर- दीप्ति शर्मा दीप (उड़ीसा) भाषा सारथी सम्मान, इन्दौर

इसके साथ ही लगभग वर्षभर में प्रवास और बैठकों के साथ संगठन विस्तार का कार्य भी जारी रहा। आँकड़ों में देखें तो लगभग 30 से अधिक सम्मान, 20 से अधिक पुस्तकों के विमोचन समारोह, 25 से अधिक शहरों में कार्यक्रम आयोजित कर संस्थान ने अपनी सक्रियता दिखाई है। वर्ष 2022 वैसे भी कई उपलब्धियों वाला वर्ष रहा, इसमें एक उपलब्धि यह भी महनीय है कि ‘साहित्य अकादमी मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 का अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार’ के लिए मातृभाषा डॉट कॉम का चयन किया गया। ‘एक शहर ग्यारह घर’ अभियान के अन्तर्गत लगभग शताधिक शहरों में मातृभाषा उन्नयन संस्थान की पहुँच बन गई। सौ से अधिक आयोजन, सहस्त्राधिक समाचारों में स्थान, शताधिक आयोजनों में संस्थान के प्रतिनिधियों द्वारा संस्थान व हिन्दी का पक्ष रखा, लाख से अधिक पाठकों में अभिवृद्धि वर्ष 2022 का यह हासिल रहा।
इस वर्ष संस्थान ‘हिन्दी कवि सम्मेलन शताब्दी वर्ष’ भी मना रहा है, जिसके अंतर्गत 100 शहरों में काव्य उत्सवों का आयोजन संस्थान के माध्यम से होगा।
नई सुबह आने को है, अंग्रेज़ी कैलेण्डर वर्ष 2022 की विदाई होकर नए संकल्पों के साथ संस्थान भी नव उन्मेष रचने को आतुर है। वर्ष 2023 में लगभग 1000 से अधिक शहर, ग्राम इकाईयों में संस्थान का विस्तार करने की तैयारी है, व्याख्यान शृंखला, कवि सम्मेलन, लेखन सम्पदा विस्तार, लेखक परिवार के विस्तार के साथ-साथ हिन्दी योद्धाओं के दल में भी अभिवृद्धि करने का लक्ष्य है। गुणवत्तायुक्त किताबों का प्रकाशन और हिन्दी में हस्ताक्षर करने के लिए जनमानस को प्रेरित करना संस्थान का मुख्य ध्येय होगा। इसी के साथ-साथ गाँव-गाँव पहुँचे हिन्दीग्राम और ‘एक शहर-ग्यारह घर अभियान’ भी जारी रहेगा।

प्रयास रहेगा कि देश के प्रत्येक राज्य में मातृभाषा उन्नयन संस्थान के हिन्दीयोद्धाओं का दल तैयार रहे, हिन्दी के स्वाभिमान का ध्वज थाम कर और तत्परता से हिन्दी के विस्तार के लिए हम कार्यरत रहें।

इसी के साथ शिखा जैन जी, भावना शर्मा जी, डॉ. नीना जोशी जी, गणतंत्र ओजस्वी जी, नितेश गुप्ता जी, सपन जैन ‘काकड़ीवाला’ जी, प्रेम मंगल जी, गौरव साक्षी जी, जलज व्यास जी के साथ ही अमित जैन मौलिक जी, नरेंद्रपाल जैन जी, रश्मिलता मिश्रा जी, श्रीमन्नारायण चारी विराट जी, चंद्रमणि मणिका जी, नसरीन अली निधि जी आदि हज़ारों हिन्दी योद्धाओं की कर्मठता और लाखों हिन्दी प्रेमियों के अतुल्य आत्मविश्वास के सहारे आंदोलन ने प्रगति पथ का अनुसरण किया। यह भी सत्य है कि सैंकड़ो कोशिशों के बावजूद भी आंदोलन न कमज़ोर हुआ न टूटा, बल्कि अपने चरैवेति के मंत्र के साथ आगे ही बड़ा और सफलता की ओर अग्रसर भी हो रहा है। हिन्दी के अग्र कवि शिवमंगल सिंह सुमन जी लिखते हैं-
जिस-जिस से पथ पर स्नेह मिला,
उस-उस राही को धन्यवाद।

जीवन अस्थिर अनजाने ही,
हो जाता पथ पर मेल कहीं,
सीमित पग डग, लम्बी मंज़िल,
तय कर लेना कुछ खेल नहीं।
दाएँ-बाएँ सुख-दुख चलते,
सम्मुख चलता पथ का प्रसाद
जिस-जिस से पथ पर स्नेह मिला,
उस-उस राही को धन्यवाद।

सभी हिन्दी योद्धाओं एवं प्रेमियों के साथ हम आगामी वर्ष 2023 में कुछ नए कीर्तिमान गढ़ते हुए हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा का मुकुट पहनाएँ- यही आशा है।

इसी के साथ, जय हिन्दी!

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’
राष्ट्रीय अध्यक्ष- मातृभाषा उन्नयन संस्थान

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।