कालेश्वर ज्योति एक उत्कृष्ट कृति

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संकलन – कालेश्वर ज्योति हिन्दी साहित्य के अनेक लेख और काव्य रचनाओं का सांझा संकलन है। जिसमें नवीन साहित्यकार एवं वरिष्ठ साहित्यकारों के द्वारा अनेक विधाओं के माध्यम से विचारों का संयोजन किया गया है। संपादक – मुकेश कुमार ऋषि वर्मा  के द्वारा कड़ी मेहनत के फलस्वरूप हिन्दी साहित्य जगत में उत्कृष्ट स्थान हासिल किया है। लघु रचनाएं भावपूर्ण हैं । सांझा संकलन – कालेश्वर ज्योति युवाओं और आमजन का दिल जीत रहा है। जितना लघु यह संकलन है, उतनी ही उच्चकोटि की रचनाएं इसमें संकलित हैं। संकलन की मुख्य भूमिका प्राचीन धार्मिक स्थल कालेश्वर मंदिर के इतिहास और वर्तमान की परिस्थितियों के संबंध में स्थिति को उजागर करती है। 
कालेश्वर मंदिर प्रचीन कालीन बटेश्वर धाम के समकालीन माना जाता है, हालांकि इस संबंध में सटीक जानकारी किसी को नहीं है । इसके बारे में तमाम भ्रामक बातें फैली हुई हैं। यह प्राचीन मंदिर आगरा जिले के तहसील फतेहाबाद के रिहावली नामक गांव में यमुना नदी के तट पर स्थित है। प्राचीन धरोहर कालेश्वर मंदिर वर्तमान में क्षीण हो रहा है, भविष्य में पूर्ण रूप से क्षीण हो सकता है, क्योंकि दिन प्रतिदिन इसकी नींव कमजोर होती जा रही है । अपनी प्राचीन धरोहर को संरक्षित करने के लिए वह सहयोग प्रदान करने के लिए, संपादक ने पाठकों सहित आमजन से आव्हान किया है, जो भविष्य के लिए एक मिसाल होगा।आप सभी कालेश्वर ज्योति संकलन और कालेश्वर मंदिर को संरक्षित करने के लिए सहयोग प्रदान कर सकते हैं ।
उच्चकोटि के कागज पर स्वच्छ व सुंदर छपाई के साथ आकर्षण मुखपृष्ठ सहित संकलन प्रकाशित किया गया है । आशा करते हैं कि साहित्य जगत में संकलन प्रतिष्ठित स्थान प्राप्त करेगा ।
पुस्तक परिचय – आशीष प्रताप साहनी,

संपादक – मुकेश कुमार ऋषि वर्मा,

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मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।