एक कविता

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धीरे-धीरे
जीवन बीता।
आज तक
नहीं लिख पाया
एक कविता।।
कविता जो
व्याप्त हो जाए,
संसार में
समा जाए
मानव की रग-रग में
हर समय
जिसके शब्द
कानों में गूँजे
छा जाए
हर किसी के
मनोमस्तिष्क में।
हृदय को टटोले
हाथ उठे
उसके आदेश से
पैर चले
उसकी राह,
पेट हो जाए परिपूर्ण
उसको पढ़ने से।
मर जाए भूख
बुझे चूल्हे जला दे
इतनी आग हो उसमें
या लगी हो कहीं आग
अपनी शीतलता से
उसे शांत कर दे।
जगा दे
निराश में नई आशा,
विद्रोहियों को
पढ़ा दे
प्रेम की परिभाषा..
बात करे जो
ज़मीन की
ना चाँद-तारों की
सहारा बने जो
बेसहारों की
पहाड़ों-सी ऊँचाई
सागर-सी गहराई
पेड़ों की छाँव हो
शहरों-सी तेजी हो
सरलता जैसे गाँव हो।
पढ़े उसे
पृथ्वी का जन-जन
जिसे पढ़कर
आत्मा हो जाए प्रसन्न
पृथ्वी का हर मानव
पाए उसमें
गुरुग्रँथ-बाईबिल
कुरान या गीता।
आज तक
नहीं लिख पाया
एक कविता।।

                                                                       #रामशर्मा ‘परिन्दा’

परिचय : रामेश्वर शर्मा (रामशर्मा ‘परिन्दा’)का परिचय यही है कि,मूल रुप से शासकीय सेवा में सहायक अध्यापक हैं,यानी बच्चों का भविष्य बनाते हैं। आप योगाश्रम ग्राम करोली मनावर (धार, म.प्र.) में रहते हैं। 

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।