आजकल सभी जगह मुझे
इंसान दिखाई नहीं देते
यह पता नहीं क्यों
इसके पीछे क्या हाथ है
वही हवस के शिकारी
लड़कियों के पीछे भागते रहते हैं
जैसे इन्होंने कभी लड़कियां देखी नहीं
क्यों ऐसा करते हैं
इस अपने समाज में
मुझे कोई बता तो दे
सोचे की जवान जवान काही हवश करताहै
पर उसके बारे में कैसे सोचे
जिसने दुनिया के कुछ ही साल देखे हैं
3 या 4 साल
वह हवस के पुजारी
तीन-चार साल की लड़की को
भी नहीं बकसते
क्या यही हमारा समाज है
या फिर वह 80 साल की
वृद्ध औरत
उसको भी नहीं बख्शते
यह कब तक होता रहेगा
मुझे इस जहालत की दुनिया से
कैसे निजात पा सकता हूं
है इसका कोई जवाब
मेरे मन में बहुत सारे सवाल है
वह यह सवाल है
किस जवान लड़का जवान लड़की से
मोहब्बत भी कर सकता है
प्यार प्रेम की बातें भी कर सकता है
उसके साथ रात भी बिता सकता है
पर वह 2व3 साल की लड़की
अर वो 70-80 साल की बुढ़िया
क्या चल रहा है दिमाग में
अपने मुल्क लोगों में
मुझे समझ में नहीं आता
आए दिन
पूरा अखबार
इन समाचारों का भरा रहता है
क्या करें
है कोई इसका जवाब
या फिर समय परिवर्तन है
पता नहीं
मुझे नहीं समझ में आ रहा
क्या बताऊं
मेरे मुल्क के लोगों
अब मैं भी थक गया हूं
सुनते सुनते कहते कहते
पर इसका जवाब नहीं
हर रोज
सुबह से लेकर शाम तक
मेरे दिमाग में
हजारों प्रश्न घूमते हैं
उन प्रश्नों का उत्तर नहीं है
क्या करें
आखिर क्या है इनका जवाब
मुझे बताओ…………………
सोच विचार
समझ मैं नहीं आता
लोगों के कैसे विचार
और कुछ है
इन विचारों में
पूरी दुनिया
समाई हुई है
लेकिन
इस संसार में
अलग-अलग चेहरे हैं
अलग अलग सोच है
अलग-अलग विचार हैं
पता नहीं मुझे
ऐसा क्यों लगता है
सभी के विचार
ज्यादातर के विचार
महिला विरोधी है
महिलाएं जींस पहनती है
महिलाएं टॉप पहनती है
और आजकल प्रचलन की सभी वस्तुएं पहनती है
लेकिन मर्दों की सोच
दिन प्रतिदिन
खराब होती जा रही है
वह कहते हैं
लड़कियों को यह खाना है
लड़कियों को यह पहनना है
लड़कियों को यहां जाना है
मतलब मतलब
सभी के सभी
काम
आज मर्दों के हाथ में है
आज भी वही टाइम है
जो आज से 100 वर्ष पहले था
मुझे लगता है
समाज
बदला तो है
और स्त्रियों या महिलाओं के पक्ष पर नहीं
आज भी वैसे ही सोच रखते हैं
जैसी पहले रखते थे
और पीछा करते हैं
सभी
मर्द उन लड़कियों का
घर से महाविद्यालय
विद्यालय पढ़ने के लिए आते हैं
हर रोज उन्हें प्रताड़ित किया जाता है
पता नहीं
कब मेरे देश की
सोच बदलेगी और आगे बढ़ेगी
महिलाओं का शोषण
आज भी जिंदा है
घरों में, मोहल्ले में
हर जगह
सभी जगह
क्या मेरा देश बदलेगा
बदलेगा यह सोचना…
खान मनजीत भावड़िया मजीद
सोनीपत (हरियाणा)