विश्वकप के दोहे ..

0 0
Read Time1 Minute, 50 Second

पहला मेच पाक से, कोहलि बने विराट ।
धोनी मोहित छा गये, शिखर धवन सम्राट । ।
अफ्रिका भी हार गया, भारत मारे तीर ।
शिखर सैंकड़ा मारके, बने टीम के पीर।।
संयुक्त अमीरांत मे, रोहित बने महान ।
नौ विकेट से जीतके,शमी देश की शान।।
चौथा वेस्टइण्डीज से, जीते चार विकेट।
धन धन बेटा आपको, बल्ले से आखेट ।।
आयरलैंड आठ से, भारत से थी हार।
शिखरधवन की शतकसे, आया रंग बहार ।।
सुरेश रैना सैकड़ा, जिम्बाबे की हार ।
छै विकेट से जीत भइ, जाने सब संसार ।।
तर्रासी धोनी बना, सिक्सर से ली जीत।
छठी जीत की शान मे,जनता करती प्रीत ।।
रोहित रैना साथ में,करते रन बौछार ।
धोनी की चतुराइ से, बंगला भया किनार।।
बंगला टूट नीचे गिरा,मेलबोर्न मैदान ।
धोनी सेना झूमती, बालर राखे मान।।
सात मेच सत्तर गिरे, सातों जीते आप।
चक्र व्यूह को तोड़के, बाल बेट से टॉप।।
आठम आस्ट्रेलिया, जोड़ा रनन पहार।
धोनी पैसठ पे गये. बाकी सब बेकार।।
नैनो से नैना मिले, नैना हटती गेंद।
कमजोरी को भॉपके, मारी दुश्मन सेंध ।।
विराट घायल हो गये, रैना होते केच।
धोनी साक्षी से कहें, कैसे जीतें मेच।।
कंगारु किवी से भिड़े,फाईनल में साथ।
विश्वकपा को जीतके, लड्डू खाते हाथ। 14

डॉ.दशरथ मसानिया,
आगर मालवा म.प्र.

matruadmin

Next Post

कलियुग

Thu Feb 25 , 2021
झूठ,बेईमानी,मक्कारी से हो गए कुछ लोग मालामाल सत्य,ईमानदारी,सादगी में अच्छे लोग हो रहे बेहाल इसका दोषी कोई ओर नही है कलियुग का महाकाल जहां गधे पजरी खा रहे है बौद्धिक बजा रहे सिर्फ गाल इस कलियुग के प्रभाव से अब तो मुक्ति पानी ही होगी जो विकार घेरे है हम […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।