सर्दी आई

0 0
Read Time1 Minute, 45 Second

सर्दी आई सर्दी आई,
देखो देखो सर्दी आई।
बच्चों बूढ़ों को ये डराने आई,
जवानों को गले लगाने आई।
स्वेटर, जैकेट और मफ़लर लाई,
हम सबको टोपी पहनाने आई।।

सर्दी आई सर्दी आई,
देखो देखो सर्दी आई।
कम्बल निकले निकली रजाई,
ऊनी कपड़ों ने खूब धूम मचाई।
किट किट दाँत हमारे बजाने आई
हम सबको संगीत सिखाने आई।।

सर्दी आई सर्दी आई,
देखो देखो सर्दी आई।
कोहरे की चुनरी ओढ़ कर आई,
बनकर दुल्हन ये शरमाती आई।
देखो हम सबको ये रिझाने आई,
कितनी मनभावन ये सर्दी आई।।

सर्दी आई सर्दी आई,
देखो देखो सर्दी आई।
भीषण गर्मी को भगाने आई,
तन मन को शीतल करने आई।
चौबारे पर अलाव जलाने आई,
प्रेम, सौहार्द दिलों में बढ़ाने आई।।

सर्दी आई सर्दी आई,
देखो देखो सर्दी आई।
चाय पकौड़ी का मौसम लाई,
खिचड़ी का भोज कराने आई।
संग संग अपने पतझड़ है लाई,
बसन्त का स्वागत करने आई।।

सर्दी आई सर्दी आई,
देखो देखो सर्दी आई।
मूंगफली खिलाने है आई,
छुट्टी का ये मौसम है लाई।
घर में हमको दुबकाने आई,
ठंडे पानी से हमें डराने आई।।

सर्दी आई सर्दी आई,
देखो देखो सर्दी आई।
सबका लुक बदलने आई,
पंखों को खूब चिढ़ाने आई।
ब्लोअर ने अब ली अंगड़ाई,
छत पर पतंग उड़ाने आई।।

सर्दी आई सर्दी आई,
देखो देखो सर्दी आई।

स्वरचित
सपना (स. अ.)
जनपद -औरैया

matruadmin

Next Post

मंत्रीजी कोमा में

Fri Dec 18 , 2020
मंत्री जी बड़े बेचैन थे | कभी उठते, कभी बैठते तो कभी टी. वी. चालू बंद करते | वैसे गोद लिए चैनल देखकर मंत्री जी तृप्ति की साँस लेते थे, लेकिन इसबार उन्हें शांति मिल ही नहीं रही | लाला हरामदेव की तमाम हरकतें आजमा कर देख लीं पर शांति […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।