जिंदगी भी क्या है

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फूल बनकर मुस्कराना जिन्दगी है l
मुस्कारे के गम भूलाना जिन्दगी है l
मिलकर लोग खुश होते है तो क्या हुआ l
बिना मिले दोस्ती निभाना भी जिन्दगी है l।

जिंदगी जिंदा दिलो की आस होती है।
मुर्दा दिल क्या खाक जीते है जिंदगी।
मिलना बिछुड़ जाना तो लगा रहता है ।
जीते जी मिलते रहना ही जिंदगी है।।

जिंदगी को जब तक जीये शान से जीये।
अपनी बातो पर अटल रहकर जीये ।
बोलकर मुकर जाने वाले बहुत मिलते है।
क्योकि ऐसे लोगो का ही आजकल जमाना है।

मेहनत से खुद की पहचान बनाकर,
जीने वाले कम मिलते है जिंदगी में।
प्यार से जीने वाले भी कम मिलते है।
वर्तमान में जीने वाले जिन्दा दिल होते है।।

प्यार से जो जिंदगी को जीते है।
गम होते हुए भी खुशी से जीते है।
ऐसे ही लोगो की जीने की कला को।
हम लोग जिंदा दिली जो कहते है ।।

जय जिनेंद्र देव
संजय जैन (मुम्बई)

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