
ना देर लगाओ मां ,अब आ भी जाओ मां।
बेटी तेरी पुकारे, कब से खड़ी है द्वारे।
आ जाओ मां….
हैं आंखों में अंगारे , जग ने दिए सारे।
कुछ घाव हैं गहरे,अपनों ने किए सारे।
दर्द मिटाओ मां ,अब आ भी जाओ मां।
ना देर लगाओ मां ,अब आ भी जाओ मां।
बेटी तेरी पुकारे, कब से खड़ी है द्वारे।
आ जाओ मां…..
बड़ी उलझन हूं मैं मां,कुछ आए नजर भी ना।
कहां जाऊं किधर जाऊं, समझ आए कुछ भी ना।
मुझे राह दिखाओ मां, अब आ भी जाओ मां।
ना देर लगाओ मां ,अब आ भी जाओ मां।
बेटी तेरी पुकारे, कब से खड़ी है द्वारे।
आ जाओ मां……
खून के आंसू रोई मां , सदियों से ना सोई मां।
अपने आंचल की छाया में,मुझको सुलाओ ना।
मुझे लोरी सुनाओ मां,अब आ भी जाओ मां।
ना देर लगाओ मां ,अब आ भी जाओ मां।
बेटी तेरी पुकारे, कब से खड़ी है द्वारे।
अा जाओ मां……
कोई धीरज ना बंधाए, जरा भी चैन आए ना।
बहुत थक चुकी हूं मां, सोना चाहूं अब मैं मां।
हाथ सिर पे फिराओ मां ,अब आ भी जाओ मां।
ना देर लगाओ मां ,अब आ भी जाओ मां।
बेटी तेरी पुकारे,कब से खड़ी है द्वारे।
आ जाओ मां……..
रचना
सपना (स०अ०)
प्रा० वि ० उजीतीपुर
जनपद औरैया।