
हिंदी मेरी मातृभाषा ,
हिंदी मेरी जान !
हिंदी के हम कर्मयोगी ,
हिंदी मेरी पहचान ,
हिंदी मेरी जन्मभूमि ,
हिंदी हमारी मान ,
हम हिंदी कि सेवा करते है ,
हम जान उसी पे लुटाते है !
हिंदी हमारी मातृभाषा ,
हिंदी हमारी जान !
है वतन हम हिंदुस्तान के ,
भारत मेरी शान ,
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा ,
हिंदी हमारी एकता ,
हिंदी में हम बस्ते है ,
हिंदी मेरी माता !
हिंदी है हमारी मातृभाषा ,
हिंदी मेरी जान !
हिंदी मेरी वाणी ,
हिंदी मेरा गीत , ग़ज़ल ,
हिंदी के हम राही ,
हिंदी के हम सूत्र-धार ,
हिंदी मेरी विश्व गुरु ,
हिंदी मेरी धरती माता !
हिंदी है हमारी मातृभाषा ,
हिंदी मेरी जान !
रूपेश कुमार
छात्र एव युवा साहित्यकार
शिक्षा – स्नाकोतर भौतिकी , इसाई धर्म(डीपलोमा) , ए.डी.सी.ए (कम्युटर),बी.एड
वर्तमान-प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी !
प्रकाशित पुस्तक ~ ‘मेरी कलम रो रही हैं’ और ‘मेरी अभिलाषा’,’मेरा भी आसमान नीला होगा’ एवं आठ साझा संकलन!
विभिन्न राष्ट्रीय पत्र- पत्रिकाओं मे कविता,कहानी,गजल प्रकाशित !
कुछ सहित्यिक संस्थान से सम्मान प्राप्त !
पता ~ पुरानी बाजार चैनपुर
पोस्ट – चैनपुर, जिला – सीवान