मॉं की पिटारी

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archana
माँ की पिटारी,
बहुत याद आती हैं मां की वो पिटारी..
कहने को मॉं का घर पूरा अपना था,
पर मॉं का पूरा संसार
उस पिटारी में बसता थाl
खत्म न होने पर भी,
जाने कहाँ से कैसे
कभी रूमाल में लिपटे
कभी कुचले हुए,
कभी किसी तह किए कागज में
पिटारी की तह में पड़े पैसे
कभी चूड़ियाँ,बिंदी
तो कभी दवाइयों की पन्नी..
और न जाने क्या-क्या,
मेरे पहुँचते ही
वह आतुर हो उठती
स्नेह और अपनेपन का
वो पिटारा खुल जाता
और फिर तह में छुपे नोट
तो कभी सुन्दर चूड़ियांl
मीठी नमकीन मठरियां,
ऐसा लगता जैसे अक्षय-पा़त्र में
हाथ डालती मॉं..
बिना तोल-मोल के,
न किसी जोड़-घटाव के..
सारा हिसाब अपनी ममता से लगा लेती
और डाल देती मेरी झोली मेंl
माँ तुम दुर्गा और लक्ष्मी ही नहीं,
अन्नपूर्णा भी थी..
मॉ तुम बांटने ये दुलार फिर आ जाती,
याद बहुत आती है
माँ की वो पिटारीll
                                                                          #अर्चना ललित मंडलोई
परिचय : श्रीमती अर्चना ललित मंडलोई इंदौर में गोपुर कालोनी में रहती हैंl १९६९ में इंदौर में ही आपका जन्म हुआ है और एमए(हिन्दी) सहित एमफिल(हिन्दी) करने के बाद पीएचडी जारी हैl आप कविता,लघुकथा लिखने के साथ ही पत्र-पत्रिकाओं का संपादन भी करती हैंl  समाजसेवा तथा सामाजिक गतिविधियों में भी लगी रहती हैंl विभिन्न पत्र- पत्रिकाओं में लेख,कहानी व कविता प्रकाशित हुई है।आपको नाट्य मंचन का अनुभव है

 

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।