मॉं की पिटारी

0 0
Read Time2 Minute, 0 Second
archana
माँ की पिटारी,
बहुत याद आती हैं मां की वो पिटारी..
कहने को मॉं का घर पूरा अपना था,
पर मॉं का पूरा संसार
उस पिटारी में बसता थाl
खत्म न होने पर भी,
जाने कहाँ से कैसे
कभी रूमाल में लिपटे
कभी कुचले हुए,
कभी किसी तह किए कागज में
पिटारी की तह में पड़े पैसे
कभी चूड़ियाँ,बिंदी
तो कभी दवाइयों की पन्नी..
और न जाने क्या-क्या,
मेरे पहुँचते ही
वह आतुर हो उठती
स्नेह और अपनेपन का
वो पिटारा खुल जाता
और फिर तह में छुपे नोट
तो कभी सुन्दर चूड़ियांl
मीठी नमकीन मठरियां,
ऐसा लगता जैसे अक्षय-पा़त्र में
हाथ डालती मॉं..
बिना तोल-मोल के,
न किसी जोड़-घटाव के..
सारा हिसाब अपनी ममता से लगा लेती
और डाल देती मेरी झोली मेंl
माँ तुम दुर्गा और लक्ष्मी ही नहीं,
अन्नपूर्णा भी थी..
मॉ तुम बांटने ये दुलार फिर आ जाती,
याद बहुत आती है
माँ की वो पिटारीll
                                                                          #अर्चना ललित मंडलोई
परिचय : श्रीमती अर्चना ललित मंडलोई इंदौर में गोपुर कालोनी में रहती हैंl १९६९ में इंदौर में ही आपका जन्म हुआ है और एमए(हिन्दी) सहित एमफिल(हिन्दी) करने के बाद पीएचडी जारी हैl आप कविता,लघुकथा लिखने के साथ ही पत्र-पत्रिकाओं का संपादन भी करती हैंl  समाजसेवा तथा सामाजिक गतिविधियों में भी लगी रहती हैंl विभिन्न पत्र- पत्रिकाओं में लेख,कहानी व कविता प्रकाशित हुई है।आपको नाट्य मंचन का अनुभव है

 

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

मलिका तुम...

Tue May 16 , 2017
रूप यौवन की मलिका तुम,    जबरन आहें   भरती हो। अपने यौवन के दम पर,     इतना क्यों अकड़ती हो।। करके सोलह श्रृंगार तुम,    इतना क्यों मचलती हो।  तीखे सुंदर नैनों से,    हर पल शिकार करती हो।।                   […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।