मोहब्बत समझते नही

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तेरी यादों को अब तक,
दिल से लगाये बैठा हूँ।
सपनो की दुनियां में,
अभी तक डूबा हुआ हूँ।
दिलको यकीन नही होता,
की तुम गैर की हो चुकी हो।
और हकीकत की दुनियां से,
बहुत दूर निकल गई हो।।

मूनकिन नहीं है की,
हर मोहब्बत परवान चढ़ेंगी।
और दिल की गैहराइयो में
शायद तुम बसोगी।
तुम तो उसे दिल से,
चाह रहे हो जनाम।
जिस की निगाह तो,
किसी और पर लगी हैं।।

उसे लुभाने के लिए,
क्यों दिलसे खेल रही हो।
किसी और कि मोहब्बत को,
अपने मैं देख रही हो।
और उन प्रेमियों की दुनियां में,
अपने को भी जोड़ रही हो।
जबकि वो तेरे को,
दिल से चाहता नहीं है।।

देखा ऐसा जाता है,
इस जमाने में लोगो।
मोहब्बत किसी और से,
दिललगी किसी और से।
परन्तु अपनी निगाहों से,
दोनों को घायल करते है।
और प्यार मोहब्बत को,
सिर्फ खेल समझते हैं।।

क्योंकि प्यार का मतलब,
ये योग जानते नहीं।
फिर भी मोहब्बत की बातें,
मजाक में करते हैं।
और प्यार मोहब्बत को,
दुनियाँ में बदनाम करते है।
क्योंकि ऐसे लोग,
मोहब्बत को समझते नही।।

जय जिनेन्द्र देव की
संजय जैन (मुम्बई)

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।