प्रलय

0 0
Read Time2 Minute, 12 Second

कह गये राम सिया से –
ऐसा कलयुग आयेगा,
सांस-सांस पर टैक्स लगेगा,
बस लट्ठों का उपहार मिलेगा |
भोजन का अम्बार तो होगा,
पर दाने-दाने को मनुज तरसेगा |
भीषण महामारी में भी भ्रष्टाचार पनपेगा ||
सांपों में जहर न होगा
पर आदमी जहर उगलेगा |
रक्षक भक्षक बन जायेंगे
झूठा देशधर्म का पाठ पढ़ायेंगे |
सारे चोर-लुटेरे …
भारत में साधु बन जायेंगे
रामराज की आड़ में,
रावणता पनपायेंगे |

कह गये राम सिया से –
देवों की शक्लों में दानव पैदा होंगे
मंदिर सभी बंद पडे रहेंगे
और मदिरालय सब खुले रहेंगे |
देश चलाने वाले महामारी में भी अवसर खोजेंगे
जितना लूट सकेंगे
जी भर-भरकर लूटेंगे …
मानवता तड़प-तड़पकर सड़कों पर
भूखी-प्यासी मर जायेगी
और फिर प्रलय हो जायेगी…|

#मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

परिचय : मुकेश कुमार ऋषि वर्मा का जन्म-५ अगस्त १९९३ को हुआ हैl आपकी शिक्षा-एम.ए. हैl आपका निवास उत्तर प्रदेश के गाँव रिहावली (डाक तारौली गुर्जर-फतेहाबाद)में हैl प्रकाशन में `आजादी को खोना ना` और `संघर्ष पथ`(काव्य संग्रह) हैंl लेखन,अभिनय, पत्रकारिता तथा चित्रकारी में आपकी बहुत रूचि हैl आप सदस्य और पदाधिकारी के रूप में मीडिया सहित कई महासंघ और दल तथा साहित्य की स्थानीय अकादमी से भी जुड़े हुए हैं तो मुंबई में फिल्मस एण्ड टेलीविजन संस्थान में साझेदार भी हैंl ऐसे ही ऋषि वैदिक साहित्य पुस्तकालय का संचालन भी करते हैंl आपकी आजीविका का साधन कृषि और अन्य हैl

matruadmin

Next Post

घायल

Tue May 19 , 2020
जाने अनजाने में चपेट में आ गए जो इस मुएँ कोरोना की उनमे से अधिकांश घर लौट आए है जो बचे है अस्पतालों में वे भी परास्त कर देंगे इस मुएँ कोरोना को, प्रभावितों के साथ इस युद्ध मे शामिल है अदम्य साहसी सारथी जिन्हें सम्मान दे रहे है कोरोना […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।