विश्व साहित्य नारी कोष में मातृ दिवस पर काव्य सम्मेलन का आयोजन*

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कलम की सुगंध विश्व साहित्य नारी कोष के तत्वावधान में दिनांक 10/0 5 /2020 को ऑनलाइन कवयित्री सम्मेलन का आयोजन शाम सात बजे से किया गया । यह अपने आप में पहला एेसा अनूठा कार्यक्रम था जिसमें प्रात : छ बजे से दोपहर चार बजे तक माँ को सम्मान देती रचनाएँ प्रेषित करनी थी और मंच पर आयी रचनाओं में से किसी दूसरे की, अपने पसंद के सृजनकार की रचना की आडियो प्रस्तुत करनी थी ।आडियो प्रस्तुत करते समय उस रचना को टैग भी करना था। ऐसी अनूठी सोच रखने वाले सुप्रसिद्ध कवयित्री पटल संचालिका अनिता मंदिलवार सपना जी जिन्होंने मंच की सभी कवयित्रियों के उत्थान और परिष्करण की भावना से ऐसा किया ।यह देश का ऐसा अनूठा और बेजोड़ प्रयास था जिसकी जितनी भी सराहना की जाए कम है। ऑनलाइन कवयित्री सम्मेलन का आनंद लेने के लिए विभिन्न राज्यों की कवयित्रियाँ शामिल हुईं साथ ही दूसरी कवयित्रियों को भी सुना और हौसला अफजाई की।
इस शाम को एक यादगार शाम बनाते हुए ऑनलाइन कवयित्री सम्मेलन को बड़ी कामयाबी हासिल हुई।इस कार्यक्रम में संस्थापक- संजय कौशिक विज्ञात जी , अध्यक्ष- अनिता रानी भारद्वाज जी,मुख्य अतिथि- रवि रशिम अनुभूति जी,मंच संचालिका- अर्चना पाठक निरन्तर जी
पटल प्रभारी – अनिता मंदिलवार सपना जी मौजूद थीं। इसमें भाग लेने वाले कवयित्रियाँ जो मौजूद थीं उनके नाम इस प्रकार हैं- अनिता मंदिलवार सपना, सुमन द्विवेदी, अम्बिकापुर छत्तीसगढ़,अर्चना पाठक ‘निरंतर’,सरोज दुबे ‘विधा’ रायपुर छत्तीसगढ़ ,बंदना पंचाल,अहमदाबाद,सुशीला जोशी-,विद्योत्तमा ,मुजफ्फरनगर ,इन्द्राणी साहू “साँची”,मन्शा शुक्ला अम्बिकापुर,श्रीमती स्मृति दुबे, सुशीला साहू “विद्या” रायगढ़ छ.ग.,सरोज सिंह राजपूत ठाकुर,रवि रश्मि ‘अनुभूति’ , मुंबई , सीमा निगय रायपुर, अरुणा साहू, कृष्णा पटेल,सरोज साव कमल, चमेली कुर्रे ‘सुवासिता’,वीरांगना श्रीवास्तव,सुश्री गीता उपाध्याय”गोपी” ,धनेश्वरी देवाँगन “धरा”,रायगढ़ छग,पूनम दुबे वीणा,आशा उमेश पाण्डे।
इस ऑनलाइन कवयित्री सम्मेलन का सफल संचालन वीरांगना श्रीवास्तव जी ने किय। ऐसा अद्भुत कार्यक्रम भविष्य में फिर से आयोजित किया जाए इस बात की सभी ने कामना की।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।