आभक्त की भगवान से प्रार्थना

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हे प्रभु ! करुणा के सागर ,
हमे कोरोना से मुक्त करो ना |
हो गये है हम बिन दर्शन के ,
अब तो अपने पट खोलो ना ||

जब जब भक्तो ने पुकारा ,
तुम झटपट दौड़े दौड़े आये |
कभी राम बनकर कभी कृष्ण बनकर ,
कभी नरसिंग बनकर आये ||
अब किस रूप मे आओगे जरा बताना |,
हे प्रभु ! करुणा के सागर ,
हमे कोरोना से मुक्त करो ना ||

लगे पड़े सभी नर्स डॉक्टर ,
और लगे पड़े सरकारी अधिकारी |
इनसे भी मुक्त न हो पाये है ,
कोरोना पड़ा है सबको भारी ||
हे प्रभु ! अब तो उढ्धार करो ना |,
हे प्रभु ! करुणा के सागर ,
हमे कोरोना से मुक्त करो ना ||

समझ रहे है अशक्त अपने को ,
चाहे जीतने हो वे बलशाली |
रूस,अमेरिका birtain स्पेन ,
इटली ईरान हो रहे है खाली ||
हे प्रभु ! इनको आबाद करो ना ,
हे प्रभु ! करुणा के सागर ,
हमे कोरोना से मुक्त करो ना ||

जहा जहा हम द्रष्टि घुमाते ,
वहाँ वहाँ मौतों के अम्बार लगे है |
शव दफनाने की जगह नहीं है ,
सभी लोग अब रोने लगे है ||
हे प्रभु ! इनके आँसू पूछो ना ,
हे प्रभु ! करुणा के सागर ,
हमे कोरोना से मुक्त करो ना ||

लगे सभी वैज्ञानिक दुनिया के ,
कोरोना की दवा बनाने मे | ,
चारो तरफ प्रयत्न हो रहे ,
कोरोना को खत्म करने मे ||
पर किसी से दवा बनी ना ,
हे प्रभु ! तुम्ही दवा बनाओ ना |,
हे प्रभु ! करुणा के सागर ,
हमे कोरोना से मुक्त करो ना ||

आर के रस्तोगी
गुरुग्राम

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