
राष्ट्रहित जो बहा था खून उसको नमन है,
जलियाँ वाले बाग के शहीदों को कोटि-कोटि नमन है |
अंग्रेजों की गोलियां खाकर हुए कुर्बान उन शहीदों के लिए –
आज भी प्रत्येक भारतीय के हृदय में तपन है ||
गोलियों की तड़तड़ाहट में इंकलाब के गूँजे नारे,
डायर के अत्याचारों से माँ भारती के लाल न हारे |
नर-नारी, बूढे-बच्चे और जवान सबने दी कुर्बानी –
जलियाँ वाला बाग मत भूलना, अंग्रेज बने थे हत्यारे ||
#मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
परिचय : मुकेश कुमार ऋषि वर्मा का जन्म-५ अगस्त १९९३ को हुआ हैl आपकी शिक्षा-एम.ए. हैl आपका निवास उत्तर प्रदेश के गाँव रिहावली (डाक तारौली गुर्जर-फतेहाबाद)में हैl प्रकाशन में `आजादी को खोना ना` और `संघर्ष पथ`(काव्य संग्रह) हैंl लेखन,अभिनय, पत्रकारिता तथा चित्रकारी में आपकी बहुत रूचि हैl आप सदस्य और पदाधिकारी के रूप में मीडिया सहित कई महासंघ और दल तथा साहित्य की स्थानीय अकादमी से भी जुड़े हुए हैं तो मुंबई में फिल्मस एण्ड टेलीविजन संस्थान में साझेदार भी हैंl ऐसे ही ऋषि वैदिक साहित्य पुस्तकालय का संचालन भी करते हैंl आपकी आजीविका का साधन कृषि और अन्य हैl