बचाना है जान को जहान को

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बचाना है जान को जहान को ,
बचाना है अब हर इंसान को |
यही ध्येय होगा अब हमारा ,
ये सन्देश पहुँचे हर इंसान को ||

सबका साथ हो सबका विश्वास हो ,
आशा के साथ सबका विकास हो |
तब ही कोरोना को हरा पायेंगे ,
ऐसा जन-जन में विश्वाश हो ||

लॉक डाउन ही एक आस है ,
बनी नहीं दवा कोई खास है |
घर में बैठे रहे सभी अभी ,
जीतने की यही एक आस है ||

थोड़े दिनों की तो तकलीफ है ,
मिलेगा कुछ दिनों में रिलीफ है |
घबराने की कोई जरूरत नहीं ,
यही हमारा एक बिलीफ है ||

घर से बाहर जब तुम निकलो ,
मुहँ ढक कर ही तुम निकलो |
यही सुरक्षा कवच है तुम्हारा ,
इसे गांठ बाँध कर रख लो ||

सोशल डिस्टेंस ही एकमात्र दवा है ,
बाकी की सब अब बेकार दवा है |
सोशल डिस्टेंस को तुम अपनाओ ,
कोरोना को अब दूर मार भगाओ ||

यही है देश के लिये मोदी सन्देश ,
वर्ना होगे तीसरी स्टेज में प्रवेश |
इस पर सभी को अम्ल है करना ,
वर्ना मच जाएगा देश में क्ल्रेश ||

आर के रस्तोगी
गुरुग्राम

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।