नारी

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प्रतिदिन जिस भाव को
जीती हूं ,सोचती हूं क्या हि
अच्छा होता जो यूंही इस
समय चक्र से कहीं दूर
उस समय चक्र को बांध कर
जी लिया होता ,
कितनी ही अबोली बातों को
यूंही उस कालबंध से इस काल
तक., ला न सकी होती
और तुम्हारा मेरी बातों को
शब्द रहित रहने देना यूं
न भाता.,मैं कहती कहां हूं
तुम ही पहले जान लेते हो ,
मैं उलझी न रह जाऊं इस
बात में इसीलिये तो आनंद की
दीक्षा दी है तुमने.,अब
सब सौंप तुम्हे मैं शिव से
मांग रही हूं स्वयं को
यूं भी तो विलग कहां हूं तुमसे
इस युग की तपस्या पूर्ण कर
उस युग कोई प्रश्न न ले जाऊंगी ,
उत्तर तुम संभालो.,वे भी तुम्हारे
मैं आनत् उन प्रश्नों की
मर्यादा निभाऊंगी ,
अब तुम हर क्षण में हो बीतते
बन जाते हर भाव विचार ,
मैं हर क्षण का कण कण बन
सूर्य रश्मि सी झिलमिळाऊंगी ,
कहते हो आओगे पुनः ,
कुछ प्रश्नों के उत्तर जो देने हैं ,
बता देना देहरी में आरात्रिका बनजाऊंगी,
किंवा अस्तांचल सूर्य .,संध्या
के आँगन तुलसी दीप ही तो बन जाता
है,
तुम्हारे आने के विचार में मैं शब्दबिम्ब बनाऊंगी,
बस एक ऐेसा दिन ले आना साथ
का अपने ,जिसमें शून्य मानदंडों को
पुनः स्पंदित कर ईश संचालित
योग सृष्टि की ज्वाला धधकाऊंगी ,
तुम कहते हो आनंदिता बनो
मैं त्याग स्वयं की पीढा
स्वयं का भान अनहद नाद जगाऊंगी ,
न यक्ष न सरोवर ,
न प्रश्न न उत्तर न होने का भाव ,
न खोने का भाव ,
कुछ है तो एक एक अषृु के पिरोने का भाव ,
पहन उन अष्रु युगों की प्रेमल कण्ठिका
मैं स्वयं समय सरिता कहाऊंगी ………क्मशः।।

परिचय-
गरिमा मिष्र ‘तोष’
इंदौर

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नारी शक्ति

Wed Apr 8 , 2020
नारी तुम  शक्ति  हो, हर दुख को अपने में समाही हो। मान हो,अभिमान हो तुम  देश की शान हो। छूकर आसमाँ करती, सबके मन को बलवान हो। प्रकाश पुंज बन देती सबको पहचान हो।तारों का ताज सजे, ऐसी तुम महिमावान हो। टूटे मन को सहलाती, उम्मीद का तुम चांद हो।  देश की धड़कन का […]

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।