
यह प्रेम नहीं आकर्षण है
तन – मन का घर्षण है
प्रेम पूजा है, जाप है
आकर्षण अभिशाप है
मन से मन जब घुले- मिले
तब प्रेम की कली खिले
प्रेम है जीवन- सुमन का खिलना
आकर्षण है मधुप -पुहुप का मिलना
प्रेम में श्रृंगार है
आकर्षण अंगार है
भैया! प्रेम से निखरती है जिंदगी
आकर्षण से बिखरती है जिंदगी
मोहाकर्षण के नाम पर, प्यारा प्रेम है बदनाम
इस छलिया दुनिया में ‘सावन’, न राधा रही न श्याम
एक दूजे के पूरक हैं – प्रेम और सुख
एक दूजे के पूरक हैं -आकर्षण और दुख
प्रेम है विकासक
आकर्षण है विनाशक
‘सावन’ मन का मिलना भाग्य है
प्रेम पाना सौभाग्य है
#सुनील चौरसिया ‘सावन’
प्रवक्ता , केंद्रीय विद्यालय टेंगा वैली अरुणाचल प्रदेश
ग्राम- अमवा बाजार, पोस्ट- रामकोला
जिला -कुशीनगर ,उत्तर प्रदेश