डॉ गुलाब चंद पटेल के जीवन की प्रेरक कहानी

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गांधीनगर गुजरात कमिश्नरऑफ़ स्कूल ऑफिस पुराने सचिवालय डॉ जीवराज मेहता भवन से से मेरा तबादला 2007 में महात्मा गाँधी की जन्म भूमि पोरबंदर जिल्ला डायट ऑफिस में हुआ तब पहली बार परिवार को छोड़कार दूर जगह पर नौकारी करने के लिए जाने का प्रथम अवसर था, हमे मन में डर था कि केसा होगा पोरबंदर? क्यो कि उसके पहले कभी पोरबंदर जाने के लिए मौका मिला नहीं था, पोरबंदर की विशेषता के लिए हमे जानकारी तो थी लेकिन उसे देखने का अवसर प्राप्त नहीं हुआ था, मेरे मन में एक डर घुस गया था, हमे चिंता होने लगी थी, मेरे परिवार में सभी ने बताया कि राजीनामा याने की नौकारी छोड़ दो, स्वेच्छिक रिटायरमेंट ले लो, लेकिन हमने सोचा कि अभी काफी समय हे, जगह होनेसे अपना तबादला गांधीनगर हो ही जाएगा, लेकिन मेरी पत्नी ने कहा कि मे एक बार देखलू की जगह केसी हे, खाना कहा होगा, रहने के लिए क्या व्यवस्था हे, हम पोरबंदर पहुचे, वहा रामबा बी एड कॉलेज में गेट के पास दो कमरे में ऑफिस था, वहा एक सीनियर क्लार्क बैठा था, हमने जेसे ऑफिस में प्रवेश कर ने के लिए सीढ़ी पर पेर रखा उसने उसी समय पूछ लिया कि आप की सरनेम क्या है? हमने पटेल बताया तो आगे कुछ बोला नहीं, वहा रामबा कॉलेज के प्राचार्य डॉ आई ए भरड़ा जी चार्ज समाल रहे थे उनसे मिले और अपना रिपोर्ट दे दिया, उन्होने कहा कि आप अब घर वापस जाइये और अपनी व्यवस्था कर के दो दिन बाद आइए, हमने कॉलेज में स्टूडेंट्स की साथ कॉलेज किचन में जाकर खाना खाया और सर्किट हाउस में रेस्ट रूम में चले गए और रात को लक्जरी बस में सफर कर के अहमदाबाद में पहुचे और निगम की बस में गांधीनगर पहुचे, मेरी पत्नी ने कहा कि जगह अच्छी है, रहनेकी और खानेकी सुविधा उपलब्ध है इस लिए आप पोरबंदर ऑफिस में अपनी ड्यूटी पर रह सकते हैं, डॉ भरड़ा का स्वभाव सरल था, वो विद्वान थे और pramanik थे उनके साथ काम करने से बहुत अच्छा लगा, उन्होने हमारे कविता लिखने के गुण के लिए हमे प्रोत्साहित किया, इसलिए काव्य संग्रह हिंदी ગુજરાતી में पब्लिश कर सका, हमने पोरबंदर के लिए भी कविता लिखी थी, उसका विमोचन पोरबंदर के कलेक्टर श्री एम बी परमार के कर कमलोसे किया गया,
5 सितंबर 2008 को रामबा कॉलेज के विधार्थी गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का ऑन लाइन कार्यक्रम हमारी ऑफिस में देख रहे थे, वह विधार्थी ओ ने अलग अलग तौर पर संकल्प लिया कि जेसे हम पांच अन पढ़ को पढ़ाएंगे, पांच पेड़ लगाएंगे, आदि, उस समय सरकारी नौकरी में जो कर्म चारी थे उन्हे भी स्वर्णिम गुजरात के उत्सव के लिए संकल्प लेकर अपना योगदान अपने देश और राज्य के लिए देना था लेकिन किसी ने संकल्प नहीं लिया तो हमने संकल्प लिया कि हम व्‍यसन मुक्ति कार्य करेंगे, आदरणीय राष्ट्र पिता महात्मा गांधी के वाइब्रेशन मेरे पास आए और हमने विधार्थी ओ के लिए व्‍यसन मुक्ति कार्य क्रम करने की शुरुआत की, तो हमारे प्राचार्य डॉ भरड़ा सर ने हमे पूछा कि तुम केसे व्यसन मुक्ति कार्य क्रम करेंगे, तुम्हें व्‍यसन मुक्ति का व भी नहीं आता है, लेकिन प्रभु क्रूपा से हमने व्‍यसन मुक्ति के लिए कविता लिखी, स्लोगन बनाए, प्रेजेंटेशन भी तैयार किया गया, दो किताब भी व्‍यसन मुक्ति के लिए लिखी गई और उसे पबलीसर ने पब्लिश भी किया गया, वो हे स्वर्णिम संकल्प और चलो व्‍यसन मुक्त स्कूल कॉलेज का निर्माण करे, मेने इस लिए यह काम चुना था कि वहा सौ राष्ट्र के इलाके में छोटे छोटे बच्चे भी तंबाकू वाला मसाला खाने के लिये आदि थे, हमारे कॉलेज के रसोया जोशी जी ने कहा कि आप कहा कार्य क्रम करके आए? तो हमने बताया कि केंदीय विद्यालय में, तो उन्होंने बताया कि क्या सबूत है, हमने बोला कि आप उनसे पूछ लीजिए कि हमने कार्य क्रम किया है कि नहीं, तब जोशी जी ने कहा कि आप जिस स्कूल या कॉलेज में व्‍यसन मुक्ति कार्य क्रम करते हैं वहा से लिखित में लेटर लें लेना चाहिए, क्योंकि नहीं तो कोई मानने वाले नहीं हैं कि आपने कार्य क्रम किए हैं, हमने उनकी बात को लेकर लेटर लेना शुरू कर दिया, आज हमारे पास 350 से अधिक सर्टिफिकेट हे कि हमने स्कूल में और कॉलेज में व्‍यसन मुक्ति के कार्य क्रम किए हैं, 7000 से अधिक संकल्प पत्र भी लिए गए हैं,
2009 को जब गरीब कल्याण मेले के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी जी पोरबंदर आए थे तब उनके स्वागत के लिए मे सेंट मेरी स्कूल के बच्चों के साथ बाजे के साथ खड़ा था तब चौपाटी पर मेरे फोन पर गांधीनगर से मुख्य मंत्री के कार्यालय से पी ए कैलाश नाथ के पांच फोन आये, मेरा फोन शांत मोड़ पर था लेकिन वाय ब्रांट होने से पता चला कि किसी का फोन आ रहा है, हमने थोड़े दूर जाकर बात की तो बताया कि आपको मुख्य मंत्री नरेंद्र मोदी जी बुला रहे हैं, तुम्हें उनसे सर्किट हाउस में जाकर मिलना होगा, मे घबरा गया, मेरे ऊपरी अधिकारी भी चॉक गए, क्यू बुलाया होगा, ऑफिस का कोई प्रश्न होगा या क्या होगा, नरेंद्र मोदी जी जब रेत शिल्प का उद्घाटन करके सर्किट हाउस में पहुचे तो हम उन्हे मिलने के लिए पहुचे, मोदी जी ने हमे सम्मानित किया, और बीड़ी बाई की जान गीत गाने के लिए कहा, हमने गीत सुनाया और वो बहुत खुश हो गए, उनकी साथ अभी जो केंद्रीय मंत्री श्री पुरुषोत्तम रूपाला जी हे उनसे भेट कराइ गई, हमे सर्टिफिकेट भी दिया गया, हमे बोला कि आप आगे बढ़ो, हम तुम्हारे साथ है,
उनसे हमे अधिक प्रोत्साहन मिला, हम बाद में सभी हमारे ऑफिस के साथियो के साथ खाना खाने गए, सभी खुश हो गए, हमे तो बहुत ही खुशी हुई,
19 जनवरी 2010 को हमारा जन्म दिन था, उस दिन हमने तैयार कराए गए व्‍यसन मुक्ति के कैलंडर का विमोचन हमारी जिला शिक्षा अधिकारी ऑफिस पोरबंदर मे भानु प्रकाश स्वामी के कर कमलोसे करवाया गया,, गुरु पूर्णिमा के दिन पूजनीय कथाकार श्री रमेश भाई ओज़ा ने हमे शॉल और पुष्प माला अर्पित कर के संदीपानी आश्रम पोरबंदर मे सम्मानित किया गया, उसके बाद नेशनल ग्रुप एसोसिएशन नागपुर द्वारा “मौलाना अबुल कलाम आजाद अवॉर्ड से सम्मानित किया गया, दिनांक 7 दिसम्बर 2010 में गांधीनगर कल्चर फोरम के कार्य क्रम में चौधरी कॉलेज में पूजनीय कथाकार मोरारी बापू के कर कमलोसे मेरी दो किताबे जो व्यक्ति मुक्ति के लिए लिखी गई है उसका विमोचन किया गया, मननीय गवर्नर ऑफ गुजरात के डॉ कमला बेनी वाल के हाथो से धरती रत्न अवॉर्ड 5000 रुपये की धन राशि के साथ प्रदान किया गया, शिक्षा मंत्री श्री रामनलाल वोरा ने भी हमे सम्मानित करके प्रमाण पत्र एनयत किया,
व्‍यसन मुक्ति अभियान से हमे बहुत खुशी मिल रही है, आज हम उस कार्य को 10 सालो से चला रहे हैं,
हमारे राज्य के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने जब कहा कि एसा कौन सरकारी अधिकारी हे जो एसा उम्दा कार्य क्रम कर रहे हैं, उस दिन को याद करते हुए आज भी हमे खुशी होती है, 2009 को मुख्यमंत्री जी से प्रेरक सबद, प्रेरक प्रसंग आज भी मेरे लिए एक यादगार दिन के रूप में हमे प्रोत्साहित कर रहा है!

व्यसन मुक्ति की एक मिशाल श्री

: डाॅ. गुलाब चंद पटेल

व्यसन मुक्ति अभियान प्रणेता ब्रेस्ट कैंसर अवेर्नेस प्रोग्राम आयोजक, इंडियन लायंस गांधी नगर,

कवि गुलाब लेखक अनुवादक हिंदी गुजराती

गुजरात। प्रवूती:- व्‍यसन मुक्ति कार्य क्रम और ब्रेस्ट कैंसर अवेर्ने्‍सस कार्य क्रम, स्कूल कॉलेज में विधार्थी ओ की जागरूकता के लिए कार्य क्रम करना, सामाजिक चेतना के लिए सामाजिक संस्था ओ और गांवो मे व्‍यसन मुक्ति कार्य क्रम करना, महिला ओ के लिए ब्रेस्ट कैंसर अवेर्ने्‍सस कार्यक्रम करना एवं साहित्य हिंदी, गुजराती कवि लेखक अनुवादक के चलते मिले अनगिनत सामाजिक सम्मान की एक झलक

  1. मुख्यमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 2009 में पोरबंदर सर्किट हाउस में सम्मानित किया ओर प्रमाण पत्र प्रदान किया, गुजरात में किसी कवि के लिए गौरव की बात है।
    2 गुजरात राज्य के गवर्नर डॉ कमला बेनीवाल के कर कमलो से शॉल, पूष्पमाला, धरती रत्न अवॉर्ड 2011 रुपए 5000 की धन राशि के साथ आशीर्वाद एजुकेशन ट्रस्ट अहमदाबाद के आयोजित कार्यक्रम में प्रदान किया।
  2. नेशनल यूथ नागपुर महाराष्ट्र की ओर से अबुल कलाम आजाद आइडियल सोशल अवॉर्ड 2011 से सम्मानित।
  3. पूज्य कथाकार रमेश भाई ओझा द्वारा संदीपानी आश्रम पोरबंदर में गुरु पूर्णिमा के दिन शॉल, पूष्पमाला अर्पित करके प्रसास्ति पत्र दिया।
  4. परम पूज्य प्रमुख स्वामी महाराज के आर्शीवाद सारंगपुर में मिले।
  5. परम पूज्य आनंद स्वरूप स्वामी द्वारा हरि मंदिर गांधीनगर में आर्शीवाद दिया ओर सम्मानित किया।
  6. प्रजा पिता ब्रह्म कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय केंद्र में कैलाश् दीदी से मिला आर्शीर्वाद।
  7. परम पूज्य कथाकार मोरारी बापू के कर कमलो से व्‍यसन मुक्ति की दो किताबांे का विमोचन किया गया ओर आर्शीवाद प्रदान किया।
    9 राष्ट्रीय अध्यक्ष लोकजन शक्ति पार्टी के श्री रामविलास पासवान जी द्वारा सम्मानित किया गया ओर प्रसास्ति पत्र दिया गया।
  8. सचिव श्री नशाबंदी ओर आबकारी विभाग गांधीनगर द्वारा प्रसास्ति पत्र दिया गया।
  9. समता निर्माण सेवा ट्रस्ट मोटेरा अहमदाबाद की ओर से एडिशनल डीजीपी (आई.पीएस) डॉ. राजन प्रियदर्शी के द्वारा सम्मानित किया।
  10. समता निर्माण ट्रस्ट अहमदाबाद की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में, गांधीनगर के विधायक शंभूजी ठाकोर के हाथो डॉ. बाबा साहब अंबेडकर अवॉर्ड प्रदान किया गया।
  11. राज्यसभा के सांसद परम पूज्य शंभूनाथ जी के कर कमलो से समाज रत्न अवॉर्ड से सम्मानित।
  12. सीनियर सिटीजन काउंसिल गाँधी नगर की ओर से विशिष्ट सिद्धि अवॉर्ड 2017 से सम्मानित।
  13. पारुल ट्रस्ट गांधीनगर द्वारा सम्मानित।
  14. शिक्षा मंत्री श्री रमनलाल वोरा द्वारा प्रसास्ति पत्र प्रदान किया।
  15. भारतीय जनता पार्टी गांधीनगर द्वारा प्रसास्ति पत्र से सम्मानित।
  16. गुजरात राज्य के स्वर्णिम जयंती उत्सव समारोह कार्यालय, खेलकूद विभाग के सेक्शन अधिकारी श्री आरपी पटेल ने व्‍यसन मुक्ति कार्य की प्रशंसा पत्र प्रदान किया।
  17. गवर्नमेंट पीजी कॉलेज कवर्धा छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय सेमिनार 2018 में सम्मानित।
    व्‍यसन मुक्ति अभियान

#गुलाबचन्द पटेल

परिचय : गांधी नगर निवासी गुलाबचन्द पटेल की पहचान कवि,लेखक और अनुवादक के साथ ही गुजरात में नशा मुक्ति अभियान के प्रणेता की भी है। हरि कृपा काव्य संग्रह हिन्दी और गुजराती भाषा में प्रकाशित हुआ है तो,’मौत का मुकाबला’ अनुवादित किया है। आपकी कहानियाँ अनुवादित होने के साथ ही प्रकाशन की प्रक्रिया में है। हिन्दी साहित्य सम्मेलन(प्रयाग)की ओर से हिन्दी साहित्य सम्मेलन में मुंबई,नागपुर और शिलांग में आलेख प्रस्तुत किया है। आपने शिक्षा का माध्यम मातृभाषा एवं राष्ट्रीय विकास में हिन्दी साहित्य की भूमिका विषय पर आलेख भी प्रस्तुत किया है। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय और केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय(दिल्ली)द्वारा आयोजित हिन्दी नव लेखक शिविरों में दार्जिलिंग,पुणे,केरल,हरिद्वार और हैदराबाद में हिस्सा लिया है। हिन्दी के साथ ही आपका गुजराती लेखन भी जारी है। नशा मुक्ति अभियान के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी दवारा भी आपको सम्मानित किया जा चुका है तो,गुजरात की राज्यपाल डॉ. कमला बेनीवाल ने ‘धरती रत्न’ सम्मान दिया है। गुजराती में‘चलो व्‍यसन मुक्‍त स्कूल एवं कॉलेज का निर्माण करें’ सहित व्‍यसन मुक्ति के लिए काफी लिखा है।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।