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जगमग सजे हे माँ के दुवार
मां के महिमा हावय अपरंपार।
जगतजननी दाई के जोत ह जलत हे
अन्तस् के परेम ह श्रद्धा म दिखत हे।
जग म महान हे माँ के ममता
कोरा म जेकर जिनगी ह पलत हे।।
अपन दाई म जगदम्बा ल देखा
मन्दिर तुंहर घर म हे
रूप हे अनोखा।
जेन घर म दाई ददा के सम्मान ह होथे
सच माना संगी ओ घर म भगवान होथे।
दाई के हिरदय म समुन्दर समाय हे,
लइका के उन्नति म सरवस गंवाय हे।
चीर के करेजा तोर जिनगी सँवारिस हे
अपन दाई के पूजा करबे
देवी मुस्काइस हे।
#अविनाश तिवारी
जांजगीर चाम्पा(छत्तीसगढ़)
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