(कश्मीर में भारतीय सेना पर पत्थरबाजी पर)
खुली छूट अब चाहिए,सेना के वीर जांबाजों को,
अच्छा सबक सिखाना है,दुस्साहसी पत्थरबाजों को|
इनके घर में छुप के बैठे,आतंकी जो इनके आका,
पैलेट गन से छलनी कर दो,देश पे डाले जो डाका|
हिंदुस्तान में रह खाकर भी,ये पाक परस्ती करते आए,
हुर्रियत नेताओं के दम पर,अब तक मस्ती करते आए|
पाकिस्तानी झंडा,इनके लिए जान से प्यारा है,
भूल गए ये नर भेड़िए,विपदा में कौन सहारा है|
चंद पैसों की खातिर ये,पत्थर टोले बरसाते हैं,
कश्मीरी स्वर्ग धरा को,ये कुत्ते आज लजाते हैं |
दहशतगर्दी फैलाना,जिनका असली धंधा है,
अफजल,वानी जैसे कुत्ते,जिनके दिल में जिंदा है|
नापाक दरिंदों पत्थरबाजों,कब तक खैर मनाओगे,
बहुत हो लिया बहुत सह लिया,अब नहीं बच पाओगे|
कुछ बिके हुए खबरी दलाल,इनको मासूम बताते हैं,
गद्दारों की टोली पर,हमदर्दी खूब जताते हैं|
औकात खत्म है इनकी,अब सियासी गलियारों में,
भटके हुए शांतिदूतों,अब गिनती तुम्हारी गद्दारों में|
इन आस्तीन के साँपों को,अब दूध पिलाना बंद करो,
फ़न कुचल दो इनका,सेना को मत पाबंद करो|
घर-घर से अफजल निकलेगा,इनका जेहादी नारा है,
जब-जब अफजल निकला है,तब-तब हमने मारा है|
खिदमत में इनकी कुछ नेता,राग इन्हीं का नित गाएँ,
पाक प्रेम दर्शाने वाले,सीधे पाकिस्तान चले जाएं|
सेना की अपनी राह में,जो भी रोड़ा अटकाएगा,
कान खोल के सुन लो,कोई नहीं बख्शा जाएगा|
मत रोको वीर जवानों को,पैलेट गन तैयार करो,
भूल जाएंगे पत्थरबाजी,इनका अब संहार करो|
मोदी जी एक `सर्जिकल स्ट्राइक`,इन पर भी होनी चाहिए,
`हेमू` की कलम दहाड़,सीधे बंदूक चलानी चाहिए|
#हेमंत कुमावत ‘हेमू’
परिचय : हेमंत कुमावत ‘हेमू’ वर्तमान में जयपुर मेट्रो रेलवे में स्टेशन नियंत्रक के पद पर कार्यरत हैंl आप कठूमर अलवर (राजस्थान) के निवासी हैं और शौक से लिखते हैंl