आँसू

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geeta gupta man
नैनों के कोरो तक आये
ये मोती न ढलने पाये
पीड़ा का मौसम आया है
पर पुष्प नहीं खिलने पाये।
पाषाढ़ बना लो उर को स्वयं
हारना कभी न सीखा है
न अश्रु कभी मग को रोके
इतनी ही सीमा रेखा है।
कमजोर नहीं लाचार नही
बना रखो विश्वास प्रबल
कोई भी साथ नही दे जब
स्वयं बनो खुद का संबल।
बहने देना इनको तब ही
अपनी शर्तो पर राजी हो
खुशियों की शहनाई बजा
जब उर में कुसुमित वादी हो।
अनुपम  श्रृंगार है आँखों का
यूँ ही व्यर्थ नही इनको गहना
कारण बन जाये जो इनका
प्रश्न बनें उनका जीवित  रहना
नाम- गीता गुप्ता 
साहित्यिक उपनाम-मन
वर्तमान पता-सिनेमा रोड, हरदोई
राज्य-उत्तरप्रदेश
शहर- उन्नाव
शिक्षा-परास्नातक,बी एड,
कार्यक्षेत्र- हरदोई
विधा – गीत, ग़ज़ल, हाइकु ,पिरामिड, तांका,क्षणिका,
प्रकाशन- विभिन्न समाचारपत्रों और पत्रिकाओं में  प्रकाशन
सम्मान- विभिन्न साहित्यिक  समूहों से प्राप्त सम्मान
लेखन का उद्देश्य- स्वांत सुखाय, मातृभाषा की सेवा

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।