बेनाम रिश्ता

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jaswant
आजकल चारों ओर शादियों का माहौल चल रहा है । बहुत सारे ऐसे प्रेमी युगल होते है जो एक दूसरे से प्यार तो बेपनाह करते है , पर शादी के पवित्र बंधन में नहीं बंध पाते है  । ऐसे ही एक लड़की की शादी किसी दूसरे लड़के से हो जाती है , तो इस बेनाम रिश्ते में प्रेमी के टूटे दिल द्वारा रब से की गयी शिकायत की दास्ताँ , मेरी कलम कुछ यूँ लिखती है …….
सब कुछ थी वह पगली,मेरी जिंदगी व मेरा रब
मेरे दिल की थी धड़कन,मेरा प्यार मेरा मजहब
मेरा पहला प्यार थी ,किसी की अमानत बन गयी
मेरे बुने सपनों की मंजिल,पलभर में क्यों ढ़ह गयी
जीते जी क्यूँ मार दिया, ऐसा भी क्या गुनाह किया
दो पंछीयों की रूह को, जिस्म से क्यूँ अलग किया
मेरी भी तो इच्छा होती है,उसके संग-संग जीने की
जब से वो छोड़कर चली,लत लगीं है मुझे पीने की
कुछ नहीं सूझता मुझे, बस याद उसकी सताती है
मेरी बरसती आँखे देखों, हालात मेरा बतलाती हैं
सपने बहुत देखे थे उसके,साथ जीने और मरने के
कैसे कटेगी जिंदगी अब,टूटे सपने सिन्दूर भरने के
जीवन के इस सफर में,बची है सिर्फ एक ख्वाहिश
उसे बना कैसे भी मेरी,कर दे रब छोटी सी साज़िश
एक ख्वाहिश पूरी करदे तुझपे करूँ जीवन कुर्बान
जब-जब भी मैं आँखे खोलूं ,सामने हो मेरी जान
गर ये भी ना हो सके तो,अंतिम इच्छा पूरी कर ले
सारी खुशियां देदे उसे ,मुझको तेरी शरण में ले ले

नाम – जसवंत लाल बोलीवाल ( खटीक )

पिताजी का नाम – श्री लालूराम जी खटीक ( व.अ.)

माता जी का नाम – श्रीमती मांगी देवी

धर्मपत्नी – पूजा कुमारी खटीक ( अध्यापिका )

शिक्षा – B.tech in Computer Science

व्यवसाय – मातेश्वरी किराणा स्टोर , रतना का गुड़ा

राजसमन्द ( राज .)

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।