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(1)वात्सल्य भरा
सागर से गहरा
माँ का ह्रदय
(2)संध्या बनाती
रात के तवे पर
चांद सी रोटी
(3)संध्या परोसे
गगन की थाली में
चांद सी रोटी
(4)कदम तेरे
पड़े जिस घर में
स्वर्ग हो जाए
(5)उम्र की बर्फ
पिघले हर वर्ष
कर ले खर्च
(6)सत्य का कत्ल
रिश्वत की खंजर
घोंप के बरी
#डाॅ.मुकेश भद्रावलेहरदा मध्यप्रदेश
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