हिंदी तर हिंदी भाषी

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मैं हूँ. तमिलनाडु  के हिंदी प्रचारक  .

लिख रहा हूँ  ,अपनी हिंदी,
अपनी शैली, अपने विचार.
 प्रेम करता हूँ, अपनी मातृ भूमि से,
अपनी देशी  भाषाओं  से
सनातन धर्म के भक्ति मार्ग से.
 आदी काल से आजकल की राजनीति
एकता लाने के प्रयत्न में. पर
स्वार्थी  मजहबी  ,
प्रेम भक्ति एकता में बाधक
विदेशी आये शासक बने
 जनता में सहन शीलता
मंदिर तोड़, मसजिद बनाये
अंग्रेज़ आये  अपनी भाषा
छोड चले, हम अपनी भाषा भूल चले.
आजादी तो मिली, आधी रात को,
अंधकार में, अंग्रेज़ी  की उजाला का
अज्ञान  ज्योति जलाकर,
शासक जो नेहरू बने
अंग्रेजी  के पारंगत.
मंत्री मंडल में सब अंग्रेजी  पटु.
भूल गये मातृभाषा  और संपर्क भाषा.
आज हर जगह जनता चाहती
अंग्रेज़ी  माध्यम  की शिक्षा.
मातृभाषा  से नफरत.
 बगैर अंग्रेज़ी  के,
जीविकोपार्जन  असंभव.
  यदि मातृभाषा  को
आय और, नौ करी का साधन  बनाने
सत्तर साल की आजादी
अंग्रेज़ी  ही प्रधान.
आरक्षण  नीति योग्य लोगों को
विदेशी भगा देती.
फिर भी देश का विकास.
शिक्षा  में अनुशासन  की कमी.
फिर भी अनुशासित लोग.
भ्रष्टाचार  शिखर पर
फिर भी न्याय की झलक.
यह दिव्य भारत की दिव्य प्रभाव.
जानना-पहचानना,समझना मुश्किल.
  #आनंदकृष्णन सेतुरमण

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।