लोग कहते हैं कि मौन रहने से बेहतर है कि आप मुखर रहकर अपनी बात कहें।यानी बोलना जरूरी है वरना यदि मौनी बाबा बनकर रह गए तो आपकी कहीं दाल गलने वाली नहीं !लोग यह भी कहते हैं कि जब भी बोलो सोच-समझकर बोलो।उनकी बात तो ठीक है लेकिन जब […]

ब्रह्म लोक में हनुमान जी बहुत नाराज चले आ रहे थे ।  आते ही राम जी के चरणो में सिर नवा कर बोले- प्रभु जी मैं तो सिर्फ आप का भक्त हूं । साधु हूं । लोग कहते भी हैं जात न पूछो साधु की, पर मुझे जान बूझकर दलित […]

हे देश के नीति – नियंताओं  । जिम्मेदार पदों पर आसीन नेताओं व अफसरों … आप सचमुच महान हो। जनसेवा में आप रात – दिन व्यस्त रहते हैं। इतना ज्यादा कि आप शूगर , प्रेशर , थाइराइड आदि से परेशान रहते हैं। आप देश के खेवैया हो। राष्ट्र की यह […]

“सुण स्याणा! मंगलवार की धनतेरस है अर बिस्पतवार की दीवाली है. दुनिया ज्वेलरी खरीद रही है. उच्छब के औसर पर सब आप आपकी गृहलक्ष्मी नै हीरा को, प्लेटिनम को, सोना को …आपकी हैसियत के हिसाब स्यूं गिफ्ट देवै है. थे मने के ल्या’र देस्यो?”- सुबह सुबह ई सेठाणी को हुकम […]

खुदा के फजल से अच्छी-खासी गृहस्थी चल रही थी, पर जब से यह मी टू का वायरस शुरु हुआ है तब से दिल में तूफान मचा पड़ा है। मुझे अपने कालेज के वो पुराने दिन याद आने लगे जिनकी सुनहरी यादें सीने में दफन थी। वैसे कालेज के दिनों में […]

सुण स्याणी! आज दोफारां भूख लागगी. म्हारी बिल्डिंग में महाराज को बासो(भोजनालय) बंद हो…तो मैं एक फास्टफ़ूड सेंटर में पेटपूजा करण चल्यो गयो. बड़ी भारी भीड़ ही.मने तो कुछ पतों कोनी हो…काउंटर पर खानपान की लिस्ट देखकर मै एक पिज्जो अर एक लावा केक को ओडर दे दियो. रिपिया तीन […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।