जी हां बात करते हैं उत्तर प्रदेश के धरती की। इसलिए की कहते हैं दिल्ली का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर ही गुजरता है। तो आइए आपको उत्तर प्रदेश की धरती पर लेकर चलते हैं, जहाँ गठबंधन की जीत से पहले ही हार का खाका अभी से ही खींचा जाने […]
वाह रे सियासत तेरे रूप अनेंक, यह एक ऐसी पहेली है जिसको समझ पाना अत्यंत जटिल है। क्योंकि, कोई भी राजनीतिक व्यक्ति की कथनी एवं करनी में बहुत ही बड़ा अंतर होता है। कोई भी नेता क्या कहता है यह अलग विषय है परन्तु वह करता क्या है, इसे समझने […]
हमारे देश के व्रत त्योहार हमारी गौरवशाली परंपरा और संस्कृति का दर्पण हैं। देश की अनेकता में एकता की जो झाँकी दिखाई देती है उसमें हमारी समृद्ध परंपराओं और पर्वों का विशेष योगदान है। पहले तो गांवों में वसंत पंचमी से ही फागुनी गीतों की बयार बहने लगती थी। महीने […]
दोस्तो, यह पत्र मैंने उन बच्चों के लिए लिखा था जिनको मैं साकेत इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ाया करता था । जब मैं वहाँ से लौटा तो यह पत्र उनके लिए मेरी तरफ से एक भेंट भर थी पर आज यह भेंट मैं सावर्जनिक कर रहा हूँ, तो आइए पढ़ते हैं […]
एक बार एक कार से स्कूटर की टक्कर हो गई। जो नौजवान कार चला था बाहर निकलकर स्कूटर वाले को गुस्से में बोला…’मैं गोवा के पुलिस कमिश्नर का बेटा हूँ’…स्कूटर वाले ने मुस्कुराते हुए कहा…’मैं गोवा का मुख्यमंत्री हूँ…’ ऐसे ही थे मनोहर पर्रिकर। हर कोई उनकी सादगी का कायल […]
नारा एक मंत्र है, एक ऐसा मंत्र जो ज़ुबान पर चढ़ जाए, दिलो-दिमाग़ पर छा जाए, तो जीत का प्रतीक बन जाता है. नारे पार्टी को जनमानस से जोड़ने का काम करते हैं. ये नारे ही हैं, जो पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भर देते हैं. वक़्त के साथ नारे बदलते […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।