(ओमान से एक हिंदी शिक्षक की गुहार) कवरिंग लेटर :– जैसे मैं पहले लिख चुका हूँ सीबीएसई से सम्बद्ध इंडियन स्कूल निजवा ओमान से हिन्दी भाषी हिन्दी शिक्षक – शिक्षिकाओं को षड्यंत्र करके हंटाकर हिन्दी भाषा को कमजोर किया जा रहा है। ये बातें लिखने पर स्कूल वाले जेल में […]

भारत में कोरोना की दूसरी लहर तेजी से बढ़ रहा है इसे रोकने के लिए जितना महत्वपूर्ण 2 गज दूरी, मास्क का सतत एवं सही प्रयोग जरूरी है उतना ही आवश्यक कोरोना के प्रति सामाजिक जागरूकता, सतर्कता एवं एक दूसरे के लिए सहयोग एवं समर्थन बनाए रखना भी जरूरी है […]

विषय- भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा अंग्रेजों के लिए काम करने व राजभाषा अधिनियम का शत्-प्रतिशत् उल्लंघन करने पर परिवाद। महोदय, कोविड काल में भारत सरकार आम जनता के लिए कई योजनाएँ बना रही है, अभियान चला रही है पर उनका लाभ आम नागरिकों तक बहुत कम पहुँच रहा है […]

चारों ओर छुआछूत की बीमारी भारत में फैली थी, इंसानों ने इंसानों को अस्पृश्य मानकर भारत को नर्क बना दिया था । आदमी आदमी का शोषण कर रहा था । कदम-कदम पर असमानता के पैने कांटे बिखरे पड़े थे । उसी कालखंड में 14 अप्रैल 1891 ई. को मऊ, मध्य […]

परीक्षा मे ज्यादा नम्बर लेकर आना ही जीवन की राह तय नहीं करता ! इसके साथ – साथ ज्ञान भी जरूरी है ! सिर्फ अच्छे नम्बर से कोई जीवन मे सफलता हासिल नहीं कर सकता है ! ना ही डिवीज़न से ! कभी – कभी थर्ड डिवीज़न वाला भी आई.ए.एस […]

सभी जानते है लोक डाउन क्या है, यह भी जानते कि यह आवश्यक है, क्योंकि हम लगभग भूल चुके थे, मास्क पहनना, हाथ धोना, दूरी बनाकर रखना। हम भूल चुके थे कोरोना संक्रमण। लगभग एक वर्ष होते होते हम इसके अभ्यस्त हो चुके थे, प्रशासन भी अब सावधानी के इतर […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।