मैं पहले ही लिख चुका हूं कि मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के भाजपा मुख्यमंत्रियों ने अपने-अपने राज्य में काफी अच्छे काम किए थे लेकिन उनकी हार का बड़ा कारण नोटबंदी, जीएसटी, अनुसूचित संशोधन कानून, फर्जिकल स्ट्राइक, सीबीआई और रफाल-सौदे आदि की बदनामियां रही हैं। सच्चाई तो यह है कि उन्हें […]

      उन्हें नजरअंदाज ना करों जो तुम्हारी बहुत परवहा करते है, वरना एक दिन पत्थर चुनते-चुनते हीरा गवा दोगें।  ये कहावत तब चरितार्थ हुई जब मध्यप्रदेश में विधान सभा चुनाव के परिणाम सामने आए। यहां विधायक हराते-हराते लोगों नेे अपनी सरकार ही गवां दी। वह सरकार हरा दी जिसे बनाये रखना […]

 परिवर्तन ही प्रकृति का नियम है”, परन्तु परिवर्तन का क्रम क्या होना चाहिए यह भी निर्भर होना चाहिए , आज-कल के अंकुरित पौधे जिनकी वृद्धि नियमानुसार ना होकर अन्य साधनों से बड़ाई जा रही है अर्थात वर्तमान के बच्चे जो उनकी उम्र से कहीं अधिक सोचने लगते है | सोच […]

इस आंदोलन को महानगरों से छोटे कस्बों, मीडिया से बिजनेस और राजनीति तक और सार्वजनिक जीवन से घरेलू यौन उत्पीड़न तक फैलना चाहिए. सार्वजनिक जीवन में हमने पहली चीज़ सीखी है कि आरोपों को सुनते वक्त उन्हें काफी ठोंक बजा कर देखा जाए. संगीन आरोप हमारे सार्वजनिक और उससे ज्यादा […]

अहंकार को एक दिन टूटना ही होता है। अहंकार की नियति ही टूटना है। इतिहास गवाह है कि किसी का भी अहंकार कभी ज़्यादा वक़्त तक नहीं रहा। इस अहंकार की वजह से बड़ी-बड़ी सल्तनतें नेस्तनाबूद हो गईं। किसी हुकूमत को बदलते हुए वक़्त नहीं लगता। बस देर होती है […]

ये पब्लिक है  सब जानती है । भाजपा का परंपरागत वोट बैंक हिंदी भाषी प्रदेश रहे है , इसे इस तरह नही लिया जा सकता कि कांग्रेस ने उसमे सेंध लगा दी अपितु इसे इस तरह लिया जाना चाहिए कि घर के बुजुर्ग ने लाठी दिखा कर अपने वंशज को […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।