पड़ोस के पांडे जी के घर से उनकी पत्नी के चीखने-चिल्लाने की आवाज सुन कर मेरी नींद टूट गई है। सौतेली मां बेटी पर बुरी तरह बरस रही है। घर की इकलौती मासूम सुबक रही है-‘मम्मी फिर गंदा नहीं होगा।’ ….. मैं शोरगुल सुन कर दरवाजे के पास पहुंच […]

‘फोरम फॉर फास्ट जस्टिस’ के मुंबई में आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन में आज मुझे यह अवसर मिला कि मैं भाषा के कारण देश के नागरिकों पर हो रहे अन्याय की बात रख सकूं। अधिवेशन में देश के विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि पहुंचे हुए थे। इस दो दिवसीय अधिवेशन के मुख्य अतिथि […]

इस समय देश की कोई भी राजनीतिक पार्टी ऐसी नहीं है, जिसे विश्वास हो कि वह चुनाव जीत जाएगी और वह सरकार बना लेगी। भाजपा और कांग्रेस अखिल भारतीय पार्टियां हैं। देश के लगभग हर जिले में इनका संगठन मौजूद है। इन्होंने अपने दम पर केंद्र और प्रांतों में सरकारें […]

गणतंत्रीय गरिमा के प्रभुत्व से आलौकिक, जन के तंत्र के साथ मजबूती से सामंजस्य बनाता भारत का संविधान और एक स्वतंत्र गणराज्य के रूप में स्थापित शक्तिशाली राष्ट्र भारत सन् 1950 में जब भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू हुआ तब से ही संघर्ष की […]

वर्तमान समय में गिरते राजनीतिक स्तर लोकसभा चुनाव की आहट के मध्य हम सत्तरवां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहे हैं जब कई बार इस दिन मीडिया चैनलों के सामने इस राष्ट्रीय पर्व पर बहुत से लोग अनभिज्ञता दर्शातें है या सही नहीं बता पाते।बहुत से स्थानों पर यह पर्व औपचारिकता […]

आज का दिन बहुत ही खास है क्योंकि सबसे बड़े मानव अधिकार, सार्वजनिक जिम्मेदारी और रोजगार के साधन शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीय दिवस को धूमधाम से मनाया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने शांति और विकास में शिक्षा की भूमिका को महत्व देते हुए 24 जनवरी के दिन को अंतरराष्ट्रीय […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।