किसी कवि की इच्छा शक्ति के सहारे उसकी सर्वोत्तम कविता का किसी अखबार या पत्रिका में छप जाना, उसके लिए मानदेय मिल जाना, किसी पुरस्कार के लिए चयनित हो जाना या किसी प्रकाशक की मेज पर पहुंच कर किताब की शक्ल में पाठक दरबार की हाजरी लगा जाना भर ही […]
भारत देश में लोकतंत्र का उत्सव बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है क्योंकि यह महापर्व पांच सालों में एक बार आता है। विशेषतया भारत देश जैसे सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में मतदान को लेकर एक अलग ही उत्साह और आतुरता लोगों में रहती है। युवा वर्ग इस त्योहार […]
पूरे विश्व के सामने शर्मसार होने से बची भारत की कानून व्यवस्था। वाह रे षड़यंत्रकारी सियासी लोग। ऐसा सियासी षड़यंत्र कभी गंदी गलियों में हुआ करता था फिर धीरे से यह सत्ता के गलियारे तक पहुँच गया। लेकिन कभी यह षड़यंत्र देश की शीर्ष अदालत को भी अपनी चपेट में […]
आज जब दलित साहित्य पर नजर डालता हूँ तो पाता हूँ कि जैसे एक ठहराव आ गया है । अतीत का बहुत दोहराव हो रहा है । एक जो मानसिक फ्रेम बना हुआ है वह निकल नहीं रहा है । अधिकांश दलित साहित्यकार उन पुरानी परिस्थितियों से उबर नहीं पाये […]
परिवार में जिनकी आयु साठ वर्ष हो गए या जिनकी सेवानिवृति हो गई। वे वरिष्ठ नागरिक कहलाते हैं। वरिष्ठ जन ही परिवार की नींव होती है। लेकिन आज की पीढ़ी वरिष्ठ के साथ रहना पसन्द नहीं करते। वे एकल परिवार में स्वतंत्रता के साथ रहना चाहते हैं। किसी की […]
भारत के हित में देश के भाषा प्रेमियों को अपने-अपने आग्रह छोड़ देना चाहिए क्योंकि अंग्रेजों की “फूट डालो राज करो” की नीति का यही एकमात्र तोड़ है और यही न्यायपूर्ण भी है। हिन्दी शक्तिशाली भाषा है क्योंकि वह देश के बहुसंख्यक वर्ग की भाषा है। पूरे भारत में उसके […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।