एक ख़ुशहाल देश की पहचान यही है कि उसमें रहने वाले हर व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान हो, उसे बुनियादी ज़रूरत की सभी चीज़ें, सभी सुविधाएं मुहैया हों। जब व्यक्ति ख़ुशहाल होगा, तो परिवार ख़ुशहाल होगा, परिवार ख़ुशहाल होगा, तो समाज ख़ुशहाल होगा। एक ख़ुशहाल समाज ही आने वाली पीढ़ियों […]

हिन्दी विरोध वस्तुत: भाषा और साहित्य के कारण से नहीं, परन्तु आर्थिक-सामाजिक-राजनैतिक कारणों से होता है। पूर्वांचल में, असम में और बंगाल मारवाड़ी व्यापारियों का विरोध हिन्दी-विरोध का रूप लेता है। उड़ीसा में संबलपुरी (हिन्दी-मिश्रित उपभाषा) अपना स्वतंत्र अस्तित्व चाहती है। दक्षिण में उत्तर भारत, संस्कृत, आर्य, ब्राह्मण और हिन्दी का विरोध एक साथ किया जा सकता […]

कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी की यह पहली बड़ी सभा थी। लंबे समय से रामलीला मैदान में इतनी भीड़ जमा नहीं हुई थी। भीड़ जमा करने में कांग्रेस पार्टी की महारत को कौन नहीं जानता ? लेकिन राहुल-जैसे अपरिपक्व नेता के नाम पर दिल्ली की गर्मी में इतनी […]

अश्लीलता मन के विचारों में होती है किंतु आज यह  खुलेआम सड़कों पर उतर आई है । नित्य  प्रतिदिन दिल को दहला देने वाली घटनाएं मासूम अबोध बेटियों से लेकर परिपक्व , अधेड़ , वृद्धा आज वासना के भूखे भेड़ियों की हवस का शिकार हो रही हैं ,और हाल ही […]

अयोध्या-विवाद फिर टल गया। सर्वोच्च न्यायालय ने तारीख आगे बढ़ा दी। अभी एक लाख पृष्ठ के दस्तावेज़ हिंदी, उर्दू और फारसी से अंग्रेजी में होने हैं। मुझे नहीं लगता कि रामजन्म भूमि और बाबरी मस्जिद का मामला अदालतें हल कर सकती हैं। यदि वे फैसला दे भी दें तो भी […]

वर्तमान में मुझे विवाह की परिभाषा बदलती हुई नजर आ रही है। अब विवाह का अर्थ वि + वाह ! पर आधारित हो गया है अर्थात विवाह वही जिसे देखकर लोग कहें – वाह वाह ! वाह वाह ! यह स्थिति कमोवेश हर वर्ग में देखने को मिल जाती है […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।