# मध्यप्रदेश के १८  जिलों को मिला नेतृत्व  इंदौर। हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए कार्यरत संस्था ‘मातृभाषा उन्नयन संस्थान’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ के नेतृत्व में प्रदेश अध्यक्ष कमलेश कमल की अनुशंसा से प्रदेश महासचिव प्रिन्स बैरागी द्वारा मध्यप्रदेश में दल विस्तार किया व जिला […]

शोक प्रस्ताव विश्व हिन्दू परिषद् के पूर्व अध्यक्ष श्री विष्णु हरि डालमियां के निधन से सिर्फ विहिप ही नहीं सम्पूर्ण हिन्दू समाज को एक अपूर्णीय क्षति हुई है. अपने शोक प्रस्ताव में विहिप अध्यक्ष श्री विष्णु सदाशिव कोकजे ने कहा है कि श्री डालमियां सरलता, सक्रियता, सौम्यता व दृढ़ता के […]

नई दिल्ली| श्रीराम जन्मभूमि की अपीलों की सुनवाई एक बार पुन: टाल दी गई. हमारा यह संदेह कि विरोधी पक्ष अनावश्यक बहाने बाजी से, अपीलों की सुनवाई को टालने का प्रयास करेंगे, सत्य सिद्ध हुआ. यह कहा जाना कि पाँच सदस्यीय बेंच के गठन हेतु कोई न्यायिक आदेश पारित किया […]

मुंबई | मुंबई उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति माननीय श्री चंद्रशेखर धर्माधिकारी जी का दो जनवरी को निधन हो गया। वे ijfcec/ bd/kdlfldb ks Ovr गांधीवादी चिंतन और राष्ट्रवादी विचारधारा के एक सशक्त हस्ताक्षर थे। वे राष्ट्रभाषा के रूप में हिंदी के प्रबल समर्थक और भारतीय भाषा-प्रेमी थे, जो […]

कोलकाता | ‘अपनी भाषा’ संस्था ने अपना अठारहवाँ स्थापना दिवस समारोह मनाते हुए भारतीय भाषा परिषद सभागार में ‘बौद्धिक समाज और भाषिक उदासीनता’ विषय पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया. विशिष्ट अतिथि डॉ. वेदप्रताप वैदिक ने कहा कि ‘अपनी भाषा’ वह मशाल जला रही है जो भारतीय भाषाओं को […]

नई दिल्ली | माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा श्रीराम जन्मभूमि मामले में अपील की सुनवाई सम्बन्धित पीठ द्वारा आगामी 10 जनवरी को सुने जाने के लिए टाल दी गई है. अच्छा होता कि सम्बंधित पीठ का गठन सुनवाई की पिछली तारीख, यानि 29 अक्टूबर, से पहले ही कर दिया जाता. देखना […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।