इंदौर । हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए प्रतिबद्धता से कार्यरत संस्था मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा विश्व हिंदी साहित्य परिषद्, भारत के अध्यक्ष एवं गगनांचल के सह संपादक आशीष कंधवे जी को विश्व पुस्तक मेला, दिल्ली में भाषा सारथी सम्मान से सम्मानित किया। इस अवसर पर संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष […]

इंदौर। हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए प्रतिबद्ध मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा हिन्दी साहित्य के नक्षत्र 95वें वर्षीय साहित्यकार डॉ. रामदरश मिश्र जी को दिल्ली में हिन्दी गौरव सम्मान दिया गया। आपने संस्थान के प्रकल्प हिन्दीग्राम के बारे में विस्तार से जाना तथा यह भी जानना चाहा कि विश्व रिकॉर्ड […]

नई दिल्ली| लोकसभा व राज्यसभा ने दिसम्बर में स्पष्ट बहुमत से नागरिकता संशोधन विधेयक को अधिनियम बनायाl स्वाभाविक रूप से सम्पूर्ण देश में इस घटना के परिणाम देखने को मिले| विपक्षियों ने जहाँ एक ओर सरकार पर प्रक्रिया उल्लंघन जैसे अन्य गंभीर आरोप लगाये वहीं दूसरी ओर देश भर में […]

21 नए कहानीकार होंगे सुस्थापित! इंदौर। भाषा-संशय-शोधन एवं हिन्दी-व्याकरण के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य करते हुए मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय महासचिव एवं आईटीबीपी में उप सेनानी कमलेश कमल द्वारा साहित्य के नव-पल्लव कहानीकारों को आगे लाने का एक अभिनव प्रयास किया जा रहा है। ‘कमल की कलम’ के माध्यम […]

दलों पर विश्वास नही रहा सच यही अब तो जान एक बार नही चौथी बार निर्दलीयों ने डंका बजाया जो टिकट पर लड़े दलों से उन्हें हार का स्वाद चखाया टिकट देने में जब तक दल करते रहेंगे मनमानी जनता अपनी ताकत से रचती रहेगी विजय कहानी। घनत्व की दृष्टि […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।