सौम्य, शालीन और हिंदी के प्रति समर्पित और निष्ठावान् विदुषी केंद्रीय हिंदी संस्थान की पूर्व हिंदी प्रोफ़ेसर प्रो.वशिनी शर्मा का हृदय गति रुक जाने से आज शनिवार को आगरा में देहांत हो गया.वशिनी जी का जन्म कर्नाटक के (हल्लीखेड) नामक स्थान पर सन् 1944 में हुआ था. उनका कार्यक्षेत्र अध्यापन […]

साहित्य संगम संस्थान नई दिल्ली की पंजाब इकाई उद्घाटन समारोह के अंतर्गत आहुति पुस्तक माला विमोचन के अंतर्गत संस्थान की छंदेष्टि पत्रिका की सम्पादिका आ. गीता गुप्ता मन के व्यक्तित्व व कृतित्व पर आधारित उनकी आहुति पुस्तक का विमोचन बड़े ही भव्य तरीके से सम्पन्न हुआ। आपकी पुस्तक का विमोचन […]

इंदौर। कोरोना काल में साहित्यकारों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम चिट्ठियाँ लिखीं,इसे संस्मय प्रकाशन ने पुस्तकबद्ध कर ‘चिठ्ठियाँ’ नाम से प्रकाशित किया। इस पुस्तक का विमोचन संसद में उत्तराखंड के पूर्व शिक्षामंत्री एवं गढ़वाल से सांसद तीरथ सिंह रावत एवं मातृभाषा उन्नयन संस्थान की दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष एवं वरिष्ठ […]

दिल्ली। वर्ष 2020 में मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा सी आर सैनी पब्लिक स्कूल, नांगलोई, दिल्ली से पूजा सैनी एवं अनिता रानी, पराग ज्योति पब्लिक स्कूल, दिल्ली से चंद्रमणि चौधरी व जे.एम इंटरनेशनल स्कूल, द्वारका से शीतल मारवाह एवं अनुराधा को मातृभाषा संस्थान की दिल्ली प्रदेश संयोजिका भावना शर्मा द्वारा विद्या […]

नई दिल्ली। दिसम्बर 18, 2020। विश्व हिंदू परिषद ने आज कहा है कि बजरंग दल के विषय में वॉल स्ट्रीट जर्नल की मिथ्या रिपोर्ट के आधार पर राहुल गांधी ने जिस प्रकार फेसबुक की आड़ में बजरंग दल को बदनाम करने का षड्यंत्र रचा उससे उनकी मानसिकता की कलई खुल […]

साहित्यकार अनिता मंदिलवार सपना अंबिकापुर सरगुजा छतीसगढ़ को पद्म विभूषण नंदलाल बोस नेशनल गोल्डन आर्टिस्ट अवार्ड 2020* से स्वदेश संस्थान के सौजन्य से सम्मानित किया गया । यह अवार्ड उत्कृष्ट रचना के लिए प्रदान किया गया है । अनिता मंदिलवार सपना की इसके पहले लगभग दो सौ साझा संग्रह और […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।