ह्यूमन ट्रैफिकिंग यानि कि मानव तस्करी का आशय तो आप सभी लोग जानते ही होगे, और क्यूं नहीं शब्द में ही जो अर्थ निहित है! किसी व्यक्ति को धोखा देकर, डराकर, बलपूर्वक बंधक बनाकर कई तरह के प्नलोभन देकर उनकी इच्छा के विरूद्ध कार्य करवाकर खुद का स्वार्थ देखना ही मानव […]

रो पड़ता हूं जब पढ़ता हूं अख़बारों को। रों पड़ता हूं मै,जब पढ़ता हूं अख़बारों को। कहां छिपे है ये नेता,पूछता हूं इन दीवारों से।। दीवारें भी गुमसुम खड़ी है,कुछ न बोल पाती है। देख कर घर के दृश्यों को,वे भी आंसू बहाती है।। घर घर शोक दिवस है,मृत्यु ने […]

लाकडाउन के दौर में अर्थव्यवस्था बीच में बाजार में गिर गयी थी। उसे उठाने का प्रयास तब पुलिस वालों ने किया लेकिन वे उसे उठा नहीं पाये। पुलिस वाले तो उस पर सिर्फ लाठियां चला रहे थे और कह रहे थे कि मुआ अर्थव्यवस्था को भी इसी लाकडाउन के वक्त […]

उत्तरायण होकर सूर्य पतंग संग करें मस्ती । तिल – गुमूंगफली बिना बेगानी संक्रांति ।। दूर करती खुशियों से मन में फैली जो भ्रांति । देती रिश्तों में मिठास मतभेद मिटाती संक्रांति ।। ऊंची उड़ान भरें सद्भाव प्रेम से रहना सिखलाती । पोंगल तो कही लोहडी रुप में मनातें हैं […]

जो खोट है अपने अंदर उनको कर लो अभी से दूर स्वर्णकार बनकर स्वयं सोने संग बन जाओ कोहिनूर घोर कलियुग की कालिमा अब छंटने ही वाली है युग परिवर्तन की बेला है सतयुग किरण आने वाली है इसके लिए खुद को अब तैयार करना होगा जो विकार बचे है […]

दशकों से हिन्दी भाषा के स्वाभिमान, स्थायित्व और जनभाषा के तौर पर स्वीकार्यता का संघर्ष जारी है। उन्नीसवीं शताब्दी में भारत में भावनात्मक क्रांति का शंखनाद हो चुका था। उस समय भारत की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक स्थिति अत्यन्त दयनीय हो चुकी थी। देश में होने वाले आन्दोलनों से जन-जीवन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।