भारत के हित में देश के भाषा प्रेमियों को अपने-अपने आग्रह छोड़ देना चाहिए क्योंकि अंग्रेजों की “फूट डालो राज करो” की नीति का यही एकमात्र तोड़ है और यही न्यायपूर्ण भी है। हिन्दी शक्तिशाली भाषा है क्योंकि वह देश के बहुसंख्यक वर्ग की भाषा है। पूरे भारत में उसके […]

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अंग्रेजी के सार्वजनिक इस्तेमाल पर वैसा ही प्रहार किया है, जैसा कभी गांधीजी और लोहियाजी किया करते थे या जैसा कि आजकल मुझे करना पड़ता है। विपक्षी नेता बिलावल भुट्टो पाकिस्तान की संसद में अंग्रेजी में बोलते हैं। इमरान ने इस पर आपत्ति की […]

      आज-कल चुनावी मौसम में न जाने कितने लोग दल बदलते है। ये सिर्फ नेताओ तक ही सीमित नहीं है।आम पब्लिक भी रोज दल बदल रहे हैं।हर जगह स्वार्थ का बोल-बाला है। सिद्धान्त विहीन होते परिवेश में राजनीति ही नहीं भावनाओं का खिलवाड बदस्तूर जारी है। बोलचाल की भाषा में […]

समसामयिक मुद्दे पर परिचर्चाः   आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी चरम पर है।हर ओर हर तरह की सेनायें अपनी विजय पताका इस समर में फहराने को उतर चुकी हैं।कोई स्थायी दुश्मन न होने के इस दौर पर अपनी अपनी आवष्यकता और अपेक्षा अनुसार दौड़भाग चल रही हैआगत अनागत मेहमानों के […]

            “देखो इस तपस्या से ईश्वर को पाकर ,  निश्छल स्वभाव से गृहस्थ जीवन में आकर”  विश्वास है ईश्वर को पाने के लिए कठिन तपस्या करनी पड़ती है ।  इसका सीधा अर्थ हुआ कि कठिन परिश्रम या तपस्या करो और ईश्वर को पाओ। पर क्या […]

जब अर्द्धनग्न शरीर पर कोड़े बरसाएं जा रहें हो, लोहे के सरिये से पीटा जा रहा हो, चमड़े के पट्टे स्त्री की देह नोचते हुए उसे अपराधी सिद्ध करने पर आमादा हो, गुनाह और बेगुनाही के बीच सच्चाई झूल रही हो, जब स्त्री की चीखें उसे विवशता की ओर धकेल […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।