केरल में पशुओं के साथ दुर्व्यवहार का एक बेहद शर्मनाक मामला सामने आया है। दरअसल, यहां शनिवार को एक गर्भवती हथिनी की मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक वह बहुत ही शांत स्वभाव की थी, किसी को न तो परेशान करती ना ही फसल खराब करती। भूखी होने के कारण […]

पर्यावरण को लेकर तमाम देशों की अब तक की जो धारणाएं हैं, जो नीतियां हैं, उनमें व्यापक बदलाव किये जाने और एक साझा नीति बनाकर पूरी दुनिया को एक साथ आगे बढ़ने का समय आ गया है। कोरोना संक्रमण ने पूरी दुनिया को प्रकृति और पर्यावरण पर अपनी सोच को […]

लाकडाउन के दौर में अर्थव्यवस्था बीच में बाजार में गिर गयी थी। उसे उठाने का प्रयास तब पुलिस वालों ने किया लेकिन वे उसे उठा नहीं पाये। पुलिस वाले तो उस पर सिर्फ लाठियां चला रहे थे और कह रहे थे कि मुआ अर्थव्यवस्था को भी इसी लाकडाउन के वक्त […]

सेवा में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, दिनांक: 18 फरवरी 2020 विषय: नागरिकता संशोधन कानून CAA के पक्ष में पदयात्रा की समय रहते तुरंत अनुमति हेतु आवेदन-पत्र। आदरणीय महोदय जय हिंद! माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी आप व सशक्त गृहमंत्री अमित शाह जी के कड़े आदेश पर 15 फरवरी 2020 को […]

मातृभाषा कोई भी हो,उसे बोलना व लिखना बेहद सहज होता है।चूंकि मेरी मातृभाषा हिंदी है ,जो मेरे लिए गौरव की बात है।सच पूछिए तो हिंदी को मात्र भारत की भाषा नही कह सकते।देवनागरी हिंदी भाषा मे अ, आ,इ, ई,ओ,उ,में जो स्वर गूंजते है वही स्वर नवजात शिशु के रुदन से […]

यह आवश्यक नहीं है।चूंकि डाक्टर की गलतियों को रोगी भोगते हैं।पिता की गलतियों को बच्चे भोगते हैं।उसी प्रकार बच्चों की गलतियों का दण्ड मां-बाप भोगते हैं।पत्नीयों की गलतियों को पति भोगते हैं और पतियों की गलतीयां प्राय: पत्नीयां भोगती हैं।राजनेताओं की गलतियों को देशवासी भोगते हैं।मतदाओं की गलतियों को राष्ट्रभक्त […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।