भारतीय संस्कृति उत्सव प्रधान है और उत्सव की प्राचीन परंपरा उल्लास और उच्चता से जुड़ी हुई है, जब जीवन में उल्लास हो और तन और मन की उच्चता हो वह समय उत्सव है। दीपोत्सव की परंपरा अनादि काल से भारतीय संस्कृति की अक्षुण्ण पहचान है, वैदिक काल हो या उत्तर […]

जी हां बिहार की धरती पर कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। जोकि राजनीतिक समीकरण में बहुत उथल-पुथल को दर्शाता है। सियासत के सधे हुए सियासी कदम ने बिहार की धरती पर वही कर दिखाया जिस बात का पूर्ण रूप से अनुमान लगाया जा रहा था। क्योंकि बिहार के […]

संपादक अतुल मल्लिक ‘अनजान’ जी के श्रेष्ठ सम्पादन में प्रकाशित डॉ. पी. पी. सिन्हा अभिनन्दन ग्रंथ एक सजीव चित्रण है | 392 पृष्ठों से सजा आकर्षक मुखपृष्ट सहित डॉ. पी. पी. सिन्हा जी के व्यक्तित्व व कृतित्व का पूरा चलचित्र सा आभास कराता है यह सुंदर अभिनन्दन ग्रंथ | देशभर […]

साहित्य की गंगोत्री से लेकर छोटी-छोटी नहरों तक की यात्रा से आप परिचित होंगे। शुचिता और पथ पर अवरुद्ध होते हुए भी कितनी नदिया प्रसिद्धि के सागर में मिली, यह भी आप जानते हैं। वर्तमान परिदृश्य देखिए। हम क्या लिख रहे हैं और क्यों लिख रहे हैं। इतना लिखने के […]

वाह रे सियासत सब कुछ निजी स्वार्थ और सत्ता सुख पर ही निर्भर हो चला है। अब किसी भी राजनीतिक पार्टी का कोई सिद्धान्त नहीं रहा। यदि विचार धारा की बात की जाए तो परिस्थिति के अनुसार विचार धारा से भी समझौता होना कोई नई बात नहीं है। राजनीति में […]

वाह रे सियासत तेरे रूप हजार। सत्ता की चाहत में राजनेता क्या-क्या नहीं कर गुजरते। सत्ता की चाहत और कुर्सी की लालच में राजनेता सबकुछ कर गुजरने को तैयार रहते हैं। इसका एक ताजा रूप कश्मीर की सियासत में फिर से एक बार देखने को मिला। जम्मू-कश्मीर में धारा 370 […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।